किडनी कांड की चार्ज सीट कोर्ट में दाखिल, 63 गवाह सामने

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देहरादून। संवाददाता। तीन माह की विवेचना के बाद पुलिस ने किडनी कांड की चार्जशीट अदालत में दाखिल कर दी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी विवेक द्विवेदी की अदालत में चैदह लोगों के खिलाफ दायर आरोपपत्र में 63 गवाह बनाए गए हैं। साथ ही सबूत के तौर पर गंगोत्री चेरिटेबल हास्पिटल के गेस्ट रजिस्टर से लेकर दिल्ली की दो प्रमुख पैथालॉजी सेंटरों से मरीजों के परीक्षण के दस्तावेजों को भी चार्जशीट का हिस्सा बनाया गया है। देहरादून के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) निवेदिता कुकरेती ने बताया कि ओमान के नागरिकों के एयर टिकट को आरोप-पत्र में महत्वपूर्ण साक्ष्य के रूप में पेश किया गया है, जिससे अदालत में यह साबित किया जाएगा कि गिरोह के तार विदेशों तक फैले हुए थे।

बीते 11 सितंबर को हुए बहुचर्चित किडनी कांड के खुलासे के बाद से अब तक गिरफ्तार 13 आरोपियों में से किसी को भी अदालत से जमानत नहीं मिल पाई है। जबकि चैदहवां आरोपी गैंग के सरगना अमित राऊत का बेटा अक्षय राऊत अभी फरार है। पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार चार्जशीट में घटना के खुलासे के बाद गंगोत्री चेरिटेबल हॉस्पिटल में छापे के दौरान मिले चार अन्य चिकित्सकों व कर्मचारियों को बतौर गवाह पेश किया गया है। इसके अलावा किडनी प्रत्यारोपण के पहले मेडिकल परीक्षण और ऑपरेशन के पश्चात उन्हें दिल्ली तक छोडने के लिए प्रयोग होने वाली तीन एंबुलेंसों के चालकों को भी गवाह बनाया गया है।

एंबुलेंस की लॉग बुक में ऐसे कई मरीजों के नाम भी मिले हैं, जिन्होंने या तो यहां किडनी लगवाई थी या अपनी किडनी बेचने के लिए आए थे। ये नाम अदालत में सुनवाई के दौरान आरोपों को साबित करने में अहम साबित होंगे। पुलिस अधिकारियों की मानें तो विवेचना के दौरान ओमान नागरिकों के देश छोड़कर फरार हो जाने के कारण उनके बयान तो नहीं हो सके थे, लेकिन दिल्ली एयरपोर्ट से उन चारो नागरिकों के एयर टिकट मिल गए, जो ओमान से दिल्ली आने की पुष्टि करते हैं। इसके साथ ही देहरादून के निकट डोईवाला के उस गेस्ट हाउस के गेस्ट रजिस्टर में भी उनके नाम मिले गए, जहां वे ऑपरेशन से पहले और बाद में ठहरे थे।

अक्षय को भगोड़ा घोषित करने की तैयारी

किडनी कांड के मुख्य आरोपियों में से एक सरगना अमित राऊत के बेटे अक्षय राऊत की गिरफ्तारी अभी भी पुलिस के लिए चुनौती बनी हुई है। पुलिस सूत्रों की मानें तो अब अक्षय की तलाश में नए सिरे से दबिश दी जाएगी और भगोड़ा घोषित कर उसके खिलाफ कुर्की आदि की कार्रवाई की जाएगी।

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