मोस्टामानू मेला शुरू : तीन दिन तक चलेगा ; क्षेत्र का ऐतिहासिक मेला है

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  • वर्षा के देवता माने जाते हैं मोस्टा मानू
  • उद्घाटन के दौरान भी  हुई वर्षा

पिथौरागढ़(संवाददाता) : जिले का ऐतिहासिक मोस्टामानू मेला आज से शुरू हो गया। तीन दिनी मेले का मुख्य आयोजन शनिवार को होगा। मोस्टामानू मंदिर परिसर में सांस्कृतिक कार्यक्रमों की धूम मची हुई है।

जिलाधिकारी सी. रविशंकर ने मेले का विधिवत उद्घाटन किया। उन्होंने कहा कि मेले ही क्षेत्र की संस्कृति के वाहक होते हैं। इनके माध्यम से सांस्कृतिक विरासत को सहेजने का अवसर मिलता है। यह मेला क्षेत्र की विशेष पहचान रहा है। आयोजन के लिए प्रशासन हरसंभव मदद दे रहा है। इससे पूर्व क्षेत्र की महिलाओं ने भारी बारिश के बीच कलश यात्रा निकाली। महिलाएं कलश लेकर मंदिर में पहुंची, जहां विधि विधान से पूजा-अर्चना की गई। सरस्वती बालिका विद्या मंदिर के साथ ही क्षेत्र के स्कूली बच्चों ने रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए, जो देर रात तक चलते रहे। बाहर से आए सांस्कृतिक दलों ने भी कुमाऊं और गढ़वाल की संस्कृति पर आधारित रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत कर सराहना बटोरी। इस अवसर पर मेला कमेटी के एनडी कांडपाल, पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष विरेंद्र बोहरा, नगर पालिकाध्यक्ष जगत सिंह खाती, ब्लॉक प्रमुख अंजू लुंठी, दीपक लुंठी, उद्योग व्यापार मंडल अध्यक्ष शमशेर महर, भाजपा नेता गोपू महर, गिरीश जोशी सहित तमाम लोग मौजूद थे। संचालन जनार्दन उप्रेती और कै.दीवान सिंह वल्दिया ने किया।

केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री मेले में 

मोस्टामांनू मेले का मुख्य आयोजन शनिवार को होगा। केंद्रीय कपड़ा राज्य मंत्री अजय टम्टा दूसरे दिन के कार्यक्रमों का शुभारंभ करेंगे। दूसरे दिन मोस्टा देवता का डोला उठेगा। डोला नजदीकी गांव से मंदिर परिसर में आएगा और क्षेत्र के लोग लोक देवताओं का आह्वान करेंगे।

वर्षा के देवता माने जाते हैं मोस्टा मानू

जनपद की सोर और गोरंग घाटी में मोस्टा मानू को वर्षा के देवता के रू प में पूजा जाता है। मान्यता है कि इन क्षेत्रों में जब वर्षा नहीं होती तो मोस्टा देवता की पूजा की जाती है। प्रसन्न होकर मोस्टा देवता वर्षा कराते हैं।

उद्घाटन के दौरान भी  हुई वर्षा

मान्यता के अनुरूप मेला उद्घाटन पर 15 मिनट तक तेज बारिश हुई। हालांकि सुबह से मौसम साफ था। ठीक उद्घाटन के वक्त अचानक बारिश शुरू हो गई। मंदिर में जैसे ही दीया जलाया गया, बारिश थम गई। अचानक हुई बारिश को क्षेत्र के लोगों ने मोस्टादेवता का आशीर्वाद माना।

 

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