पाकिस्तान से आई बहूरानी कैसे बने हिंदुस्तानी, सालों से कर रहीं नागरिकता का इंतजार

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नाजिया (काल्पनिक नाम) के दिल में शादी के बाद से ही हिंदुस्तान धड़क रहा है, लेकिन हिंदुस्तान की बहू बनने की ख्वाहिशें उसकी आज भी मौन हैं। सालों से नाजिया हिंदुस्तान की नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रही हैं, लेकिन आज तक उन्हें संवैधानिक तौर पर हिंदुस्तान की बहू होने का दर्जा नहीं मिल पाया है।

रुड़की क्षेत्र में नाजिया जैसे ही चार ऐसी हिंदुस्तानी बहुएं हैं, जिन्हें कई साल से संवैधानिक तौर पर बहू बनने का इंतजार है। इनमें से दो महिलाएं ऐसी हैं, जो करीब 26 साल पहले पाकिस्तान से ब्याह कर हिंन्दुस्तान आ गई थीं।

इनके बच्चे भी जवान हो चुके हैं और कई की शादी भी हो चुकी है, जबकि तीन महिलाएं पिछले पांच से छह साल पहले ब्याह कर हिंदुस्तान आई थीं और इनके बच्चे भी हो चुके हैं। ये कई बार आवेदन भी कर चुकी हैं, लेकिन नागरिकता नहीं मिल सकी है।

1994 में पाकिस्तान की एक लड़की की रुड़की निवासी एक युवक से शादी हुई थी। शादी के बाद से ही उसने संवैधानिक तौर पर हिंदुस्तान की बहू बनने के लिए आवेदन किया था, लेकिन 26 साल बाद भी उसे हिंदुस्तान की नागरिकता नहीं मिल पाई है। महिला और पति लगातार नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं।

वर्ष 2002 में पाकिस्तान की लड़की की रुड़की के एक गांव में शादी हुई थी। शादी के बाद हिंदुस्तान की नागरिकता के लिए आवेदन किया था, लेकिन आज तक वह नागरिकता के लिए जद्दोजहद कर रही हैं। करीब 18 साल बाद भी महिला को नागरिकता नहीं मिल पाई है।

पाकिस्तान निवासी दो लड़कियों की वर्ष 2014 में रुड़की के एक मोहल्ले में शादी हुई थी। तभी से दोनों को हिंदुस्तान की नागरिकता का इंतजार है। दोनों तीन से चार बार आवेदन कर चुकी हैं, लेकिन अभी तक नागरिकता नहीं मिल पाई है। हालांकि, दोनों कोरोना काल से पहले पाकिस्तान और हिंदुस्तान आती-जाती रही हैं।

वर्ष 2015 में पाकिस्तानी लड़की की रुड़की के एक गांव में शादी हुई थी। शादी के बाद से लेकर अब तक वह दो से तीन बार आवेदन कर चुकी है, लेकिन अभी तक नागरिकता नहीं मिल पाई है। शादी के बाद महिला के दो बच्चे भी हो चुके हैं।

दस साल की उम्र में आई थीं हिदुस्तान

पाकिस्तानी निवासी एक लड़की भटककर सीमा पार से हिंदुस्तान आई थी। इसके बाद वह रुड़की पहुंची थी। रुड़की के एक मोहल्ले में वह बड़ी हुई है और यहीं उसने शादी कर ली। बताया जाता है कि वह बहुत गरीब परिवार से है और उसका पति मजदूरी करता है। उसने कभी नागरिकता के लिए आवेदन नहीं किया। हालांकि, खुफिया विभाग की उस पर नजर रहती है।

पाकिस्तानी से हिंदुस्तान ब्याहकर आई बहुओं ने शुरू में तो हिंदुस्तान की नागरिकता के लिए कई बार आवेदन किए, लेकिन बाद में इस तरफ ध्यान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि इनमें से एक या दो ने ही नागरिकता के लिए जद्दोजहद की है। वहीं, ब्याह कर आने के बाद से ही ये वीजा पर ही हिंदुस्तान में रह रही हैं।

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