अनियमितता में फंसे रुड़की के मेयर; कभी भी हो सकते हैं बर्खास्त

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रुड़की (संवाददाता) : रुड़की नगर निगम के मेयर यशपाल राणा पर बर्खास्तगी की तलवार लटक गई है। जिलाधिकारी की जांच में अनियमितताओं के आरोप सही पाए जाने पर शासन ने उनका जवाब-तलब कर लिया है। सचिव शहरी विकास राधिका झा ने राणा को कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए कहा कि आगामी 15 दिनों के अंदर अपना लिखित स्पष्टीकरण उपलब्ध कराएं।

श्रीमती झा ने यह भी कहा है कि यदि निर्धारित समय के अंदर स्पष्टीकरण नहीं आया तो नगर पालिका अधिनियम 1916 के तहत जरूरी कार्रवाई की जाएगी। उल्लेखनीय है कि बीते 19 जून 2017 को विधायक प्रदीप बत्रा ने शासन को एक शिकायत की थी, जिसमें रुड़की नगर निगम में हो रही अनियमितताओं का उल्लेख किया था। शिकायत मिलने पर शासन ने हरिद्वार के जिलाधिकारी को जांच के आदेश दिए। शिकायतकर्ता के बिन्दु 6 में नगर निगम की परिसंपत्तियों को खुर्दबुर्द करने का आरोप है।

नगर निगम बोर्ड की अनुमति के बिना ही बीटी गंज  स्थित नगर निगम की संपत्ति मेयर ने खुद और अपने साथियों से मिलकर रजिस्ट्री करवा ली है। साथ ही साथ उस पर अवैध रूप से बिना अनुमति के ही व्यावसायिक भवन का निर्माण कर लिया है और करोड़ों रपए में दुकानें बेची जा रही हैं। इसकी पड़ताल की गई और पाया गया कि उक्त भूखंड सुशीला देवी का था लेकिन उनकी मृत्यु के बाद उसका नवीनीकरण नहीं किया गया। दरअसल नगर निगम की संपत्ति का स्वरूप या लीज का नवीनकरण या अन्य व्यक्ति को लीज हस्तांतरित करने का अधिकार केवल राज्य सरकार को ही है। जिलाधिकारी ने अपनी रिपोर्ट में इस बात का भी उल्लेख किया है कि उक्त संपत्ति को क्रय करने के बाद मेयर ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए हरिद्वार-रुड़की विकास प्राधिकरण से बिना नक्शा स्वीकृत कराए बहुमंजिला शापिंग काम्पलेक्स का निर्माण कराया गया। साथ ही दुकानों का निर्माण कराकर अपने लोगों को लाभ पहुंचाने की कोशिश की गयी। 

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