अमरीका के ‘सबसे बड़े बम’ से आईएस के 90 लड़ाकों की मौत

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अफ़ग़ानिस्तान के रक्षा अधिकारियों ने कहा कि अमरीका के इस्लामिक स्टेट के ठिकाने पर गिराए गए मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स से आईएस के 90 ये संख्या शुरुआती अनुमान से दोगुनी है. एक स्थानीय लड़ाका समूह के सदस्य ने कहा कि उसने एक जोरदार धमाका सुना और उसके बाद आग का एक पहाड़ देखा. हालांकि आईएस ने कहा है कि उसे इस बम से कोई नुकसान नहीं पहुंचा है.

अफ़ग़ानिस्तान के कार्यकारी प्रमुख अब्दुल्ला अब्दुल्ला ने कहा है कि गुरुवार को इस्लामिक स्टेट को निशाने बनाने के लिए अमरीका द्वारा गिराए गए सबसे बड़े बम से नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. उन्होंने कहा कि पूर्वी अफ़ग़ानिस्तान में स्थित गुफ़ा में बनी इमारतों पर यह हमला अफ़ग़ानिस्तान सरकार के साथ तालमेल से किया गया.

अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी रक्षा बलों के मुखिया जनरल ज़ॉन निकोल्सन ने कहा कि इस बम का इस्तेमाल, जिहादियों के ख़िलाफ़ चलाए जा रहे अभियान में बढ़त बनाने के लिए किया गया.

बम

लड़ाके मारे गए. अमरीकी सेना सेना का कहना है कि उसने पहली बार अपना अब तक का सबसे बड़ा नॉन-न्यूक्लियर बम का इस्तेमाल किया है.

जीबीयू-43 नाम के इस बम को ”मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स” के नाम से जाना जाता है. इसे सबसे पहले 2003 में टेस्ट किया गया था लेकिन इसका इस्तेमाल पहले कभी नहीं हुआ. अमरीकी रक्षा मंत्रालय पेंटागन ने कहा है कि उनके एक विमान ने अफ़ग़ानिस्तान के नंगरहार प्रांत में इस बम को गिराया है.

पेंटागन का कहना है कि इसका निशाना तथाकथित इस्लामिक स्टेट चरमपंथियों के छिपने के ठिकाने थे. ये हमला पिछले हफ्ते अफ़ग़ानिस्तान में आईएस से लड़ाई के दौरान अमरीकी सैनिक की मौत के बाद हुआ है.

 

मदर ऑफ ऑल बम

”मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स”

GBU-43/B मेसिव ऑर्डिनेंस एयर ब्लास्ट (एमओएबी) को ”मदर ऑफ़ ऑल बॉम्ब्स” के नाम से जाना जाता है. पेंटागन के बताया कि इसे एक विमान ने गुरूवार को नांगरहार प्रांत के अचिन इलाक़े में स्थानीय समय के अनुसार शाम के वक़्त गिराया गया.

पेंटागन ने कहा कि बम अफ़ग़ानिस्तान में इस्लामिक स्टेट गुट की सुरंगनुमा इमारत पर गिराया गया. इस बम का वज़न 9800 किलोग्राम था और इसकी लंबाई 30 फीट से ज़्यादा थी. अमरीका ने हमले के नतीजों की पुष्टी नहीं की है लेकिन एक स्थानीय अधिकारी ने बीबीसी को बताया कि हमले में कई आईएस चरमपंथी मारे गए हैं, जिनमें कथित तौर पर आईएस के एक बड़े लीडर का भाई भी शामिल है

सावधानी’ के साथ गिराया गया

व्हाइट हाउस के प्रवक्ता शॉन स्पाइसर ने कहा ” हमने सुरंग और गुफाओं के उन हिस्सों को निशाना बनाया जिसे आईएस के लड़ाके स्वतंत्र होकर घूमने के लिए इस्तेमाल करते थे. उस क्षेत्र में अमरीकी सैन्य सलाहकारों और अफ़ग़ान सेना के लिए उन्हें निशाना बनाना आसान था.” उन्होंने कहा कि लोगों को नुकसान ना पहुंचे और आसपास क्षति कम हो इसके लिए आवश्यक सावधानी बरती गई थी.

अफ़ग़ानिस्तान में अमरीकी सेना के कमांडर जनरल जॉन निकोलसन ने कहा ” जिहादियों के गुटों की हार में बढ़ोतरी हुई थी इसलिए बचाव के लिए वो आईईडी, बंकरों और सुंरगों का इस्तेमाल कर रहे हैं. इन बाधाओं को कम करने और हमारी हमलों की गति बनाए रखने के लिए ये सही हथियार था.”ये ख़बर पेंटागन के सीरिया में एक हवाई हमले में ग़लती से 18 विद्रोहियों को मार देने की बात स्वीकार करने के कुछ ही घंटे बाद आई है. पेंटागन ने कहा कि उनकी एक सहयोगी सेना ने ग़लती से इस लक्ष्य को आईएस के ठिकाने समझ लिया. मगर 11 अप्रैल को जो हमला हुआ उसमें मारे गए विद्रोही सीरियाई डेमोक्रेटिक फोर्स के विद्रोही थे जिन्हें अमरीका समर्थन देता है.

अफ़ग़ानिस्तान में आईएस ने जनवरी 2015 में अपनी इस खोरासन शाखा की स्थापना की थी जो कि अफ़ग़ानिस्तान और उसके आसपास के इलाक़ों का पुराना नाम था. ये पहली बार था जब आईएस अरब से बाहर निकलकर आधिकारिक तौर पर दुनिया में फैल रहा था. स्थानीय विद्रोह पर अफ़ग़ान के तालिबानी प्रभुत्व को सीधी चुनौती देने वाले ये पहला बड़ा चरमपंथी गुट था.

हालांकि विशेषज्ञों का कहना है कि वो बड़ा राजनीतिक आधार बनाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और उन्हें अफ़ग़ानिस्तान में वहां के लोगों से समर्थन मिलने की उम्मीद है. एक अंदाज़े के मुताबिक़ अफ़ग़ानिस्तान में आईएस की संख्या 1000 से 5000 तक हो सकती है.

(बीबीसी हिन्दी से साभार)

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