फ्रंास इंजीनियरों के सामने स्नो मेंकिंग मशीन ने उगला पानी का बुलबुला

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चमोली। संवाददाता। चमोली जिलें के औली में पहले भी विश्वस्तरीय आईस स्कीइंग प्रतियोगिता हो चुकी है। वहीं इस बार भी सरकार इसका आयोजन करवाने के लिए काफी उत्सुक दिख रही है। इसके लिए आईस मेकिंग मशीन से औली में बर्फ की मात्रा बढ़ाये जाने की व्यवस्था होनी थी। मगर मशीन बर्फ की जगह पानी के बुलबुले छोड़ रही है।

विश्व प्रसिद्ध पर्यटन स्थल औली में स्नो मेकिंग समेत अन्य मशीनों के निरीक्षण व टेस्टिंग को आई फ्रांस के इंजीनियरों की टीम वापस लौट गई। टेस्टिंग के दौरान स्नो मेकिंग मशीन से बर्फ की जगह पानी के बुलबले निकले। बताया गया कि उचित तापमान न मिलने के कारण फिलहाल मशीन बर्फ नहीं बना सकती। ऐसा तभी संभव है, जब तापमान माइनस दो डिग्री सेंटीग्रेट हो। ऐसे में जनवरी में होने वाले अंतरराष्ट्रीय स्की प्रतियोगिता की तैयारियों को झटका लग सकता है।

 

वर्ष 2011 में विंटर सैफ गेम्स के दौरान बर्फ की कमी को पूरा करने के लिए सीमांत चमोली जिले के औली में स्नो मेकिंग मशीन समेत अन्य उपकरण लगाए गए थे। हालांकि, जब आयोजन हुआ, तब पर्याप्त बर्फ होने के कारण इस मशीन का उपयोग नहीं किया गया। इस मशीन से टेस्टिंग के दौरान मात्र एक दिन ही बर्फ बनाई गई। इसके बाद मशीन खराब पड़ गई और आज तक दुरुस्त नहीं हो पाई है।

 

औली रोपवे के प्रबंधक दिनेश भट्ट ने बताया कि यह मशीन ऑस्ट्रिया से साढ़े छह करोड़ में खरीदी गई थी।

 

अब इसकी मरम्मत का कार्य किया जा रहा है। इसके लिए फ्रांस से इंजीनियरों की चार सदस्यीय टीम 25 सितंबर को औली पहुंची थी। चार दिन तक स्नो मेकिंग मशीन समेत अन्य उपकरणों की टेस्टिंग के बाद शुक्रवार को टीम वापस लौट गई।

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