तीसरे दिन भी सुचारु नहीं हुआ चंपावत-पिथौरागढ़ हाईवे, भारत और नेपाल के बीच बड़े वाहनों की आवाजाही पर रोक

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चंपावत : चार दिन से लगातार हो रही वर्षा के कारण पहाड़ और मैदान तरबतर हो गए हैं। चंपावत-पिथौरागढ़ राष्ट्रीय राजमार्ग तीसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही के लिए सुचारु नहीं हो पाया है।

बेलखेत से चंपावत तथा लोहाघाट से घाट के बीच विभिन्न स्थानों पर मलबा आने से हाईवे पूरी तरह बंद है। जिले की दर्जनों ग्रामीण सड़कें भी मलबा आने से बंद हैं। एनएच सहित सभी ग्रामीण सड़कों को खोलने का काम जारी है, लेकिन लगातार हो रही वर्षा व्यवधान पैदा कर रही है।

जिला आपदा परिचालन केन्द्र से प्राप्त जानकारी के अनुसार सुरक्षा की दृष्टि से राष्ट्रीय राजमार्ग में बनलेख से ककराली गेट तक छोटे बड़े वाहनों के प्रवेश पर पूर्णत: रोक लगाई गई है। ग्रामीण क्षेत्रों में तैनात राजस्व, ग्राम्य विकास, पंचायतीराज आदि विभागों के कार्मिकों को अलर्ट रखा गया है।

कहीं भी प्राकृतिक घटना होने पर तत्काल आपदा कंट्रोल रूम को सूचित करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्षा का कहर सड़कों के अलावा विद्युत आपूर्ति पर भी टूटा है। तीन दर्जन से अधिक गांवों की विद्युत आपूर्ति पोल और तारों के टूटनेे से बाधित चल रही है।

नेपाल सीमा से लगे गांवों में 48 घंटे से बिजली नहीं है। लोहाघाट एवं चंपावत के कई गांवों में भी बिजली आपूर्ति रविवार की देर रात से गुल हो गई है। बनबसा और टनकपुर में कई स्थानों पर पानी लबालब भर गया है। घरों में पानी घुसने से लोग काफी परेशान हैं।

शारदा नदी का जलस्तर बढऩे के कारण बैराज में दूसरे दिन भी वाहनों की आवाजाही बंद है। ग्राम आनंदपुर, चंदनी, बमनपुरी, देवीपुरा, पचपकरीया आदि स्थानों में जलजमाव से लोगों को आवाजाही करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। धर्मशाला मार्ग पर सबसे अधिक जलजमाव होने के कारण लोग घरों से बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

हुड्डी नदी और शारदा नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है। सिंचाई विभाग के जेई संजय सिंह ने बताया कि शारदा नदी का जल स्तर बढ़कर एक लाख 40 हजार क्यूसेक तक पहुंच गया है। टनकपुर में किरोड़ा नाले का जल स्तर कम होने से ग्रामीणों की आवाजाही शुरू हो गई है। लेकिन पूर्णागिरि धाम के लिए आवाजाही पर रोक जारी है।

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