पलायन रोकने के लिए मुख्यमंत्री ने भरा दम

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देहरादून। संवाददाता। पलायन रोकने के लिए उत्तराखण्ड सरकार ठोस कदम उठाती दिख रही है। राज्य में लगातार गहराती इस समस्या को लेकर राज्य सरकार काफी गंभीर हुई है। इस ओर तेजी से काम करने के लिए सरकार ने पलायन आयोग का गठन कर दिया है। जिसकी जिम्मेंदारी खुद मुख्यमंत्री ने खुद अपने कंधों पर ली है।
राज्य में, विशेषकर पर्वतीय क्षेत्रों से निरंतर पलायन एक बड़ी समस्या के रूप में सामने आया है। उम्मीद थी कि उत्तराखंड बनने के बाद इसकी रफ्तार थमेगी, लेकिन स्थिति में रत्तीभर भी बदलाव नहीं आया, बल्कि इसमें और तेजी आई है।

अंदाजा इसी से लगा सकते हैं कि 17 साल के दरम्यान तीन हजार से अधिक गांव खाली हो चुके हैं। 2011 की जनगणना के आंकड़ों पर ही गौर करें तो ढाई लाख से अधिक घरों में ताले लटके हुए हैं।

यही नहीं, पलायन के चलते जहां गांव खाली हुए हैं, वहीं शहरी क्षेत्रों पर जनसंख्या का दबाव बढ़ा है। इस सबको देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने राज्य में पलायन आयोग के गठन का ऐलान किया था। इसके लिए पहले नियोजन विभाग कसरत कर रहा था, लेकिन फिर ग्राम्य विकास विभाग को नोडल विभाग बना दिया गया। अब आयोग का विधिवत गठन किया जा चुका है।

 

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