मोदी पर हमला बोल रहे पूर्व वित्त मंत्री यशवंत सिन्हा को उन्हीं के बेटे राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने दिया करारा जवाब

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  • बाप-बेटा आमने सामने
  • यसवंत सिन्हा ने लिखा था अर्थ व्यवस्था ‘खस्ता हाल’ है  
  • बेटे जयंत ने जवाब में  लिखा है, ”हाल में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों पर काफ़ी लेख लिखे गए हैं. दुर्भाग्य से इनमें बहुत संकुचित तथ्यों से निष्कर्ष निकाले गए हैं, जबकि उन बुनियादी ढांचागत सुधारों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है, जो अर्थव्यवस्था को बदल रहे हैं.”

नई दिल्ली ( बी बी सी लन्दन ) : अटल बिहारी सरकार में वित्त मंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने बुधवार को मौजूदा वित्त मंत्री अरुण जेटली के ख़िलाफ़ हमला बोला था. उन्होंने देश की अर्थव्यवस्था की ‘खस्ता हालत’ के लिए मोदी सरकार की नीतियों को सीधे तौर पर ज़िम्मेदार ठहराया था. गुरुवार को सिन्हा के पुत्र और मोदी सरकार में नागर विमानन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा ने इसका जवाब दिया.

उन्होंने टाइम्स ऑफ़ इंडिया में New Economy For New India (नए भारत के लिए नई अर्थव्यवस्था) शीर्षक से एक लेख लिखा है. इसमें जयंत ने लिखा है, ”खुली, पारदर्शी, प्रतिस्पर्धी और इनोवेशन आधारित अर्थव्यवस्था के लिए बुनियादी बदलाव किए जा चुके हैं.” बुधवार को अंग्रेज़ी अख़बार इंडियन एक्सप्रेस में लिखे लेख में यशवंत ने लिखा था कि देश की अर्थव्यवस्था गर्त की ओर जा रही है. भाजपा में कई लोग ये बात जानते हैं लेकिन डर की वजह से कुछ कहेंगे नहीं.

‘I need to speak up now’ (मुझे अब बोलना ही होगा) लेख में उन्होंने लिखा था, ”देश के वित्त मंत्री ने अर्थव्यवस्था की हालत जो बिगाड़ दी है, ऐसे में अगर मैं अब भी चुप रहूं तो ये राष्ट्रीय कर्तव्य के साथ अन्याय होगा.”

सिन्हा ने लिखा था, ”आज अर्थव्यवस्था की क्या हालत है? निजी निवेश गिर रहा है. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सिकुड़ रहा है. कृषि संकट में है, कंस्ट्रक्शन और दूसरे सर्विस सेक्टर धीमे पड़ रहे हैं, निर्यात मुश्किल में है, नोटबंदी नाकाम साबित हुई और गफ़लत में लागू किए गए जीएसटी ने कइयों को डुबो दिया, रोज़गार छीन लिए. नए मौके नहीं दिख रहे. ”तिमाही दर तिमाही ग्रोथ रेट धीमी पड़ रही है.”

ज़ाहिर है इस लेख को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया. राहुल गांधी से लेकर पी चिदंबरम तक, सभी ने सिन्हा को सही ठहराते हुए भाजपानीत सरकार पर निशाना साधा.

जयंत ने दिया जवाब

अब जयंत की तरफ़ से इसका जवाब आया है. उन्होंने लिखा है, ”हाल में भारतीय अर्थव्यवस्था के सामने खड़ी चुनौतियों पर काफ़ी लेख लिखे गए हैं. दुर्भाग्य से इनमें बहुत संकुचित तथ्यों से निष्कर्ष निकाले गए हैं, जबकि उन बुनियादी ढांचागत सुधारों को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है, जो अर्थव्यवस्था को बदल रहे हैं.”

सिन्हा ने लिखा था, ”आज अर्थव्यवस्था की क्या हालत है? निजी निवेश गिर रहा है. इंडस्ट्रियल प्रोडक्शन सिकुड़ रहा है. कृषि संकट में है, कंस्ट्रक्शन और दूसरे सर्विस सेक्टर धीमे पड़ रहे हैं, निर्यात मुश्किल में है, नोटबंदी नाकाम साबित हुई और गफ़लत में लागू किए गए जीएसटी ने कइयों को डुबो दिया, रोज़गार छीन लिए. नए मौके नहीं दिख रहे. ”तिमाही दर तिमाही ग्रोथ रेट धीमी पड़ रही है.”

ज़ाहिर है इस लेख को कांग्रेस ने हाथों-हाथ लिया. राहुल गांधी से लेकर पी चिदंबरम तक, सभी ने सिन्हा को सही ठहराते हुए भाजपानीत सरकार पर निशाना साधा.

 

 

मोदी सरकार की तारीफ़

मोदी सरकार की नीतियों की तारीफ़ करते हुए जयंत ने जन धन-आधार-मोबाइल योजना का ब्योरा दिया और डायरेक्ट बेनेफ़िट ट्रांसफ़र की प्रशंसा भी की. ये भी बताया कि किस तरह भारत के गांव साल 2018 तक पूरी तरह बिजली पा जाएंगे.

अंत में उन्होंने लिखा है, ”लगभग हर भारतीय के पास अब बेसिक सेफ़्टी नेट होगा जिसमें खाने, बिजली, रोज़गार, हाउसिंग, बैंक खाते, टॉयलेट, गैस, बीमा कवर, माइक्रो लोन और सड़क की गारंटी होगी.”

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