वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने की श्रीराम की आरती और कहां; ‘अयोध्या है हमारी जियारतगाह का नाम, रहते हैं वहां इमाम-ए-हिंद श्री राम

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वाराणसी में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम के भजन गाए और उनकी आरती की, लेकिन देवबंदी मौलानाओं ने इन्हे यह कहते हुए कि, ‘अल्लाह के अलावा किसी की पूजा करने वाला मुस्लिम नहीं रहता, राम आरती करने वाली मुस्लिम महिलाओं गैर मुस्लिम करार दिया है ।

वाराणसी (एजेंसीज) : उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में दिवाली मना रहे थे। वहीं दूसरी ओर वाराणसी में कुछ मुस्लिम महिलाओं ने भगवान श्रीराम के भजन गाए और उनकी आरती की, लेकिन देवबंदी मौलानाओं ने इन्हे यह कहते हुए कि, ‘अल्लाह के अलावा किसी की पूजा करने वाला मुस्लिम नहीं रहता, राम आरती करने वाली मुस्लिम महिलाओं गैर मुस्लिम करार दिया है ।

ग्रुप की लीडर नाजनीन अंसारी ने कहा, ‘अयोध्या है हमारी जियारतगाह का नाम, रहते हैं वहां इमाम-ए-हिंद श्री राम। मैं संस्कृति और हिंदू-मुस्लिम के सामाजिक एकीकरण के लिए इस तरह के कार्यक्रमों का आयोजन करती हूं। भगवान श्री राम हमारे पूर्वज हैं। हम अपना नाम और धर्म बदल सकते हैं लेकिन अपने पूर्वजों को नहीं बदल सकते।’

भगवान राम के भजन गाते हुए नाजनीन कहती हैं कि भगवान राम ने न सिर्फ हिंदू और मुस्लिम के बीच एक सेतु का काम किया, साथ ही इस्लाम के प्रति उदारता भी दिखाई।

हनुमान चालीसा का भी पाठ
हाथों में आरती का थाल लिए नाजनीन के साथ नजमा परवीन, रुबीना, शबाना बानो, तस्लीमा, रिजवाना, रेशमा, कौसर जहां, शहनाज ने भगवान राम की आरती की। इन मुस्लिम महिलाओं के ग्रुप के साथ विभा सिंह, मृदुला जायसवाल, पूनम सिंह सहित कई और महिलाओं ने भगवान राम की आरती की। उसके बाद हनुमान चालीसा का पाठ और प्रार्थना की गई।

वरुणानगराम कॉलोनी, हुकुलगंज में इस कार्यक्रम का आयोजन मुस्लिम महिला फाउंडेशन और विशाल भारत संस्थान की ओर से किया गया। वाराणसी के संकट मोचन मंदिर में जब 2006 में ब्लास्ट हुआ था उसके बाद से यहां हर रामनवमी और दिवाली पर यह आयोजन होता रहा है। इन महिलाओं को विश्वास है कि काशी का यह आयोजन साम्प्रदायिक सद्भावना को और मजबूत करने का संदेश देगा।

नाजनीन ने बताया कि उसने भगवान श्री राम की आरती, श्री राम प्रार्थना, दुर्गा चालीसा खुद लिखी है। इतना ही नहीं हनुमान चालीसा और रामचरित मानस का उसने उर्दू अनुवाद भी किया है।

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