दिल्ली के झंडेवाला मंदिर में रोज चढ़ावे में आने वाले फूलों से बनेगी जैविक खाद; स्वचालित जैविक अपशिष्ट डीकंपोजर से होगा यह काम।

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झंडेवाला देवी मंदिर से प्रतिदिन औसतन 50 किलो फूल और 10 किलो रसोई जैविक कचरा निकलता है और त्यौहारों के अवसर पर इनकी मात्रा काफी बढ़ जाती है जो करीब 100 किलो फूल और कचरे तक बढ़ जाती है। मंदिर में चढ़ाए जाने वाले फूलों को बड़ी संख्या में यमुना में फेंक दिया जाता था, जिससे यमुना और प्रदूषित होती थी। 

नई दिल्ली(IVSK Delhi) : एंजेलिक फाउंडेशन ने नई दिल्ली के प्रसिद्ध श्री झंडेवालान देवी मंदिर को पूरी तरह से स्वचालित जैविक अपशिष्ट डीकंपोजर दान दिया। डीकंपोजर को लांच करते हुए श्रीमती मिनाक्षी लेखी ने कहा कि अगर यह सब मंदिरों में लग जाए तो यमुना की सफाई में बड़ा योगदान हो सकता है। यह एक छोटी सी शुरुआत है, जिसकी गहराई में जाएंगे तो पूरी व्यवस्था को बदलने का इसमें संदेश है।

श्री बद्रीभगत झंडेवाला माता मंदिर सोसायटी ट्रस्ट के सचिव श्री कुलभूषण आहूजा ने बताया कि एंजेलिक फाउंडेशन ने प्रधानमंत्री जी के स्वच्छ भारत अभियान के अंतर्गत इस अभियान को आगे बढ़ाते हुए मिनाक्षी जी के माध्यम से हमें यह मशीन दी।  यह समाज के लिए एक अच्छा उदाहरण साबित हो। झंडेवाला मंदिर इस विषय पर विशेष ध्यान रखेगा और आने वाले समय में अगर जरूरत पड़ी तो इसकी हर सम्भव सहायता करेगा।

एंजेलिक फाउंडेशन ने फूलों और जैविक कचरे को इस्तेमाल योग्य खाद में डीकंपोज करने की सीएसआर पहल का समर्थन करने के लिए संसद सदस्य श्रीमती मिनाक्षी लेखी से संपर्क किया। श्रीमती मिनाक्षी लेखी ने इस कार्य को प्रधानमंत्री के स्वच्छ भारत अभियान से जोड़कर झंडेवाला देवी मंदिर में लागू करने की पहल की।

झंडेवाला देवी मंदिर से प्रतिदिन औसतन 50 किलो फूल और 10 किलो रसोई जैविक कचरा निकलता है और त्यौहारों के अवसर पर इनकी मात्रा काफी बढ़ जाती है जो करीब 100 किलो फूल और कचरे तक बढ़ जाती है। मंदिर में चढ़ाए जाने वाले फूलों को बड़ी संख्या में यमुना में फेंक दिया जाता था, जिससे यमुना और प्रदूषित होती थी। 

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