ऊर्जा निगम के डीजल पावर हाउस में आग लगने से 46 ट्रांसफार्मर खाक

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हल्द्वानी। नैनीताल हाईवे पर सेंट पॉल स्कूल के सामने ऊर्जा निगम के डीजल पावर हाउस में गुरुवार देर शाम अचानक आग लग गई। इससे लाखों की कीमत के 46 ट्रांसफार्मर खाक हो गये। सूचना पर पहुंची अग्निमशन की टीम करीब एक घंटे बाद आग बुझा सकी। ऊर्जा निगम के अफसरों की लापरवाही इसी बात से साबित हो जाती है कि वह फायर ब्रिगेड के बाद मौके पर पहुंचे।

गुरुवार रात करीब साढ़े आठ बजे डीजल पावर हाउस के अंदर खुले हिस्से में रखे 46 ट्रांसफार्मरों और वहां रखे कबाड़ ने आग पकड़ ली। ट्रांसफार्मरों के तेल से आग की लपटें आसमान छूने लगीं। लपटें देख डाटा रिकवरी सेंटर में तैनात सुरक्षा गार्ड, वहां रहने वाले चतुर्थ श्रेणी कर्मी और आसपास के लोगों ने इसकी सूचना अग्निशमन विभाग को दी। मौके पर पहुंचे अग्निशमन कर्मियों को आग बुझाने में पसीने छूट गए। फायर ब्रिगेड कर्मियों की हथेलियां बुरी तरह छिल गईं। बाद में दमकल की एक गाड़ी और मंगाकर जल चुके ट्रांसफार्मरों पर पानी की बौछारें डाली तो आग पूरी तरह बुझ पाई।

आग कैसे लगी कोई बताने को तैयार नहीं
डीजल पावर हाउस में रखे ट्रांसफार्मरों में लगी आग अभी तक रहस्य बनी हुई है। ऊर्जा निगम के मौके पर मौजूद मुख्य अभियंता कार्यालय के एसई तेज सिंह गुंज्याल, जेई दीपक पाठक और अन्य तमाम ऊर्जा निगम कर्मियों का कहना है कि आजकल बारातों का सीजन है। संभावना है कि नैनीताल हाईवे पर किसी बारात की आतिशबाजी के दौरान कोई राकेट आकर ट्रांसफार्मर पर आकर गिरा हो, लेकिन इसका कोई प्रमाण ऊर्जा निगम के अधिकारी पेश नहीं कर सके।

डाटा रिकवरी सेंटर बचा
पुराने डीजल पावर हाउस से थोड़ी ही दूरी पर ऊर्जा निगम का डाटा रिकवरी सेंटर है। इसमें हल्द्वानी के बिजली उपभोक्ताओं का सारा रिकार्ड रखा गया है। इसी सेंटर में बिल तैयार होते हैं। अगर डाटा रिकवरी सेंटर जल जाता तो उपभोक्ताओं का रिकार्ड नष्ट हो जाता।

डीजल पावर हाउस के बगल में रहता है एसई का परिवार
ऊर्जा निगम के अफसरों की लापरवाही विद्युत वितरण मंडल रानीखेत के एसई नवीन कुमार मिश्रा के परिवार पर भारी पड़ सकती थी। वजह उनका परिवार डीजल पावर हाउस के बगल में रहता है। एक तरह से उसका ही हिस्सा है।

ट्रांसफार्मर डीजल पावर हाउस में क्यों?
ट्रांसफार्मरों की रिपेयरिंग का काम हाइडिल गेट के अंदर वर्कशाप डिवीजन में होता है। कायदन मरम्मत के लिए आने वाले ट्रांसफार्मर वहीं आते हैं। पर ट्रांसफार्मर वहां रखने के बजाए पुराने डीजल पावर हाउस में क्यों रखे गए, इसका कोई जवाब ऊर्जा निगम के अधिकारियों के पास नहीं है।

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