गैरसैंण में स्थायी राजधानी के लिए संघर्ष करेगा उत्तराखंड क्रान्ति दल हल्द्वानी में हुई उक्रांद केंद्रीय कार्यकारिणी में हुआ फैसला

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हल्द्वानी (*संवाददाता) : उक्रांद केंद्रीय कार्यकारिणी ने दल को मजबूत बनाने के साथ ही गैरसैंण में स्थायी राजधानी घोषित करने के लिए निर्णायक संघर्ष करने का किया। केंद्रीय कार्यकारिणी में कहा गया कि अब सत्ता के लिए राजनीतिक लड़ाई लड़ी जाएगी। इसके साथ ही यूपी के साथ परिसंपत्तियों का ईमानदारी के साथ बंटवारा करने की मांग दोहरायी है।

दल ने यह भी साफ कर दिया है कि आने वाले समय में यूकेडी जनता में सरकार बनाने की ताकत का विश्वास दिलाने में सफल रहेगी। दल ने पंचश्वेर बांध का निर्माण तत्काल रोकने की मांग दोहरायी है। मंगलवार को यूकेडी केंद्रीय अध्यक्ष दिवाकर भट्ट ने सर्किट हाउस में दो दिन चली कार्यकारिणी बैठक के समापन पर पत्रकारों के साथ यह बात साझा की।

उन्होंने बताया कि इस बैठक में एक स्वर से 17 प्रस्ताव पास किए गए। इसमें राज्य गठन के 18 साल पूरे होने के बावजूद अभी तक परिसंपत्तियों का हस्तातंरण न किए जाने पर गहरी नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि लंबी लड़ाई के बाद इस राज्य का गठन हुआ है। अभी भी शहीदों के सपनों का राज्य नहीं बन पाया है। पलायन तेजी से विकराल रूप धारण कर रहा है। तीन हजार स्कूलों में सरकार ताला लगाने जा रही है।

उन्होंने कहा कि अभी तक यह साफ नहीं हुआ है कि यह सरकार क्या चाह रही है। उन्होंने सीएम पर सीधे प्रहार करते हुए कहा कि चुनाव में भाजपा ने किसानों को कर्ज माफी का वायदा किया था। अब मुख्यमंत्री इससे विमुख हो गए हैं। उन्होंने कहा कि इस सरकार को गांव के विकास की नहीं विधायकों के विकास की चिंता है। सरकार के छह माह का लेखा-जोखा निराशाजनक रहा है। उन्होंने कहा कि अपने राज्य में कर्मचारियों का शोषण किया जा रहा है। कहीं उपनल तो कहीं दूसरी एजेंसी शोषण कर रही है।

उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि अब यूकेडी साम, दाम, दंड, भेद की नीति से काम करने जा रही है। पार्टी ने दो दिन की बैठक में सभी कमियों पर भी चिंतन किया। इनको दूर करने के प्रयास का संकल्प दोहराया गया है। प्रदेश को बचाने के लिए यूकेडी हर तरह से तैयार हो रही है। जल्दी ही नतीजे दिखाई देंगे। उन्होंने बताया कि समग्र कृषि नीति, स्टार्टअप में नवयुवकों को सहयोग देने, बंद किए जाने वाले स्कूलों के बारे में ेत पत्र जारी करने समेत करीब 17 प्रस्ताव पास किए हैं। इस मौके पर शीर्ष नेता काशी सिंह ऐरी, बीडी रतूड़ी, त्रिवेंद्र पंवार, पुष्पेश त्रिपाठी, डा.नारायण सिंह जंतवाल, दिनेश भट्ट, जय प्रकाश, बहादुर सिंह रावत, जगदीश बुधानी, डीके पाल आदि मौजूद थे।

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