चार धाम यात्रा में महज पांच दिन शेष- यात्रा तैयारियां अधर में

0
92

 


देहरादून। संवाददाता। विश्व विख्यात चार धाम यात्रा को शुरू होने में महज पांच दिन का समय ही शेष बचा है। लेकिन चुनाव आचार संहिता और मौसम की खलनायिकी तथा आल वेदर रोड निर्माण कार्यो के कारण यात्रा की तैयारियंा आधी अधूरी पड़ी है। न तो सड़कें ठीक है और न ही हैलीकाप्टर सेवाओें की व्यवस्था दुरस्त है। ऐसी स्थिति में यात्रियों की सुरक्षा और सुगम यात्रा का सरकारी दावा श्रद्धालुओं की कड़ी परीक्षा लेने जा रहा है।

गंगोत्री तथा यमुनोत्री धाम के कपाट 7 मई को खुलने जा रहे है। वहीं बद्रीनाथ और केदारनाथ धाम के 10 व 9 मई को खुलना निश्चित हो चुका है। 2013 में केदारनाथ में आयी प्राकृतिक आपदा के तीन साल बाद भले ही चारधाम यात्रा पटरी पर लौट आयी थी तथा बीते वर्ष रिकार्ड बीस लाख से अधिक श्रद्धालू चारधाम यात्रा पर पहुंचे थे। लेकिन इस साल सरकार द्वारा भारी संख्या में श्रद्धालुओं के आने के दावे तो किये जा रहे है लेकिन यात्रा की तैयारियंा ग्रांउड लेबल पर 50 फीसदी भी पूरी नहीं दिख रही है। बद्रीनाथ व केदारनाथ धाम की सड़कों पर अभी भी 6 से 7 फीट मोटी बर्फ जमी हुई है।

जिसे अभी तक हटाया नहीं जा सका है इन सड़कों पर मरम्मत व निर्माण कार्य तो बहुत दूर की बात है। ऊपर से अभी भी बर्फबारी जारी है तथा चार धामों में कड़ाके की सर्दी पड़ रही है। जिसके कारण तैयारियों का काम ठीक से नहीं चल पा रहा है।
इस बार सबसे मुसीबत का कारण बना हुआ है आलवेदर रोड निर्माण कार्य। भले ही शासन द्वारा इस पर रोक लगा दी गयी हो लेकिन 12 सौ किलोमीटर लम्बे इस आलवेदर रोड के लिए काटे गये पहाड़ों का मलबा न सिर्फ सड़कों के दोनों तरफ जमा है बल्कि सड़कों पर इतनी धूल और गढ्ढे है कि इन सड़कों पर चलना मुश्किल काम है।

प्रशासन अब धूल से निजात के लिए पानी का छिड़काव व्यवस्था करने की बात कर रहा है। केदारनाथ व बद्रीनाथ राजमार्गो पर कर्णप्रयाग, क्षेत्रपाल, विरही, लामबगड़, सोलना, हनुमान चट्टी सहित दर्जनों स्थानों पर ऐसे डेंजर जोन विकसित हो चुके है जहंा हर वक्त भूस्खलन के खतरे से यात्रियों को जूझना पड़ेगा। इन धामों में अभी रंगरोगन का काम तक नहीं हो सका है तथा खाघ व आवास व्यवस्था भी दुरस्त नहीं हो पायी है। यात्रा मार्गो पर पेयजल से लेकर शौचालयों तक का निर्माण कार्य अभी तक नहीं हो सका है। सड़कें तो बदहाल है ही, साथ ही हेलीकाप्टर सेवाएं भी न्यायालीय फैसलों में उलझी पड़ी है भले ही शासन प्रशासन लाख दावे कर रहा हो कि सब कुछ समय रहते ठीक हो जायेगा लेकिन अब चारकृपांच दिन में क्या कुछ हो पायेगा इसे आसानी से समझा जा सकता है।

LEAVE A REPLY