बीमा क्लेम का रिकॉर्ड 30 मिनट में निपटारा, जनरल बिपिन रावत, उनकी पत्नी व अन्य सैन्यकर्मियों के परिवार को मिली राशि

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सार्वजनिक क्षेत्र की दो साधारण बीमा कंपनियों ने हेलीकॉप्टर हादसे में प्रमुख रक्षा अध्यक्ष (सीडीएस) जनरल विपिन रावत और उनकी पत्नी के अलावा 11 सैन्यकर्मियों की मौत से जुड़े दुर्घटना क्लेम का निपटारा त्वरित गति से कर दिया है।  गत आठ दिसंबर को तमिलनाडु में कन्नूर के पास एमआई-17वी5 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें जनरल रावत, उनकी पत्नी मधूलिका, ब्रिगेडियर एल एस लिड्डर के अलावा दस अन्य रक्षाकर्मियों की मौत हो गई थी।

इस हादसे के शिकार अधिकतर सैन्य अधिकारियों से जुड़े समूह व्यक्तिगत दुर्घटना (जीपीए) बीमा दावों का त्वरित निपटारा कर दिया गया है। सेना के सभी अधिकारियों एवं जवानों को अपने सैलरी खाते के साथ जीपीए बीमा कवर मिलता है।   सूत्रों के मुताबिक, सार्वजनिक बीमा कंपनियों- न्यू इंडिया एश्योरेंस और यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने इस हादसे में दिवंगत सैन्य अफसरों एवं जवानों के बीमा दावों का त्वरित निपटारा कर दिया है।

रिकॉर्ड 30 मिनट में क्लेम का निपटारा

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस ने जनरल रावत और सात अन्य रक्षाकर्मियों के व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दावों का निपटारा रिकॉर्ड 30 मिनट में ही कर दिया। इसी तरह न्यू इंडिया एश्योरेंस ने ब्रिगेडियर लिड्डर से संबंधित बीमा राशि का भुगतान एक घंटे के भीतर ही कर दिया।

फौरन दावे का निपटान

यूनाइटेड इंडिया इंश्योरेंस के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक सत्यजीत त्रिपाठी ने पीटीआई-भाषा से कहा, ‘गत 10 दिसंबर को हमें बैंक से यह सूचना मिली थी कि ये खाताधारक एक हादसे में मारे गए हैं। यह सूचना मिलते ही हमने बैंक से भेजे गए न्यूनतम जरूरी कागजात के आधार पर फौरन दावे का निपटान कर दिया।’

आठ लोग एसबीआई जीपीए पॉलिसी के तहत कवर थे

उन्होंने बताया कि इस हादसे में मारे गए लोगों में से आठ लोग एसबीआई जीपीए पॉलिसी के तहत कवर थे। उन्होंने बताया कि पंजाब नेशनल बैंक में खाता रखने वाले दो अन्य सैन्यकर्मियों के व्यक्तिगत दुर्घटना बीमा दावों के निपटान की भी प्रक्रिया जारी है।  त्रिपाठी ने बताया कि सैन्य अधिकारियों को 30 लाख का बीमा दिया जाता है, जबकि वायु सेना के मामले में यह बीमा 40 लाख रुपये का है।

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