मुजफ्फरनगर फाटक बंद करने पर भड़के किसान, ट्रेनें हुई प्रभावित

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मेरठ।  मुजफ्फरनगर के मंसूरपुर में रेलवे फाटक बंद करने पर किसानों में आक्रोश फैल गया। किसान फाटक खुलवाने की मांग को लेकर रेलवे ट्रैक पर ही धरने पर बैठ गए। जिसको लेकर प्रशासन व रेलवे विभाग में हड़कंप मच गया। मौके पर पहुंची पुलिस के साथ भी किसानों की काफी नोंकझोक हुई। तीन घंटे चले हंगामे से कई ट्रेनें प्रभावित हुईं।

मंसूरपुर रेलवे फाटक को आवागमन के लिए पूरी तरह से बंद करने के लिए रेलवे फाटक के दोनों ओर रेलवे विभाग ने दीवार बनवाने का काम शुरू किया। रात करीब सात बजे किसानों को रेल विभाग द्वारा फाटक नंबर 48 पर दीवार बनवाने के बारे में पता चला तो, किसानों में आक्रोश फैल गया। करीब साढे़ सात बजे किसान एकत्र होकर रेलवे फाटक पर पहुंचे और उन्होंने दीवार बनाने का विरोध किया। किसानों के रेलवे फाटक पर पहुंचने के बाद आरपीएफ और जीआपी के जवान भी मौके पर पहुंचे। किसानों की इनसे काफी नोंकझोक हुई। इंस्पेक्टर संजीव कुमार पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे। रेलवे ट्रैक पर धरने की सूचना पर रेलवे विभाग के चीफ डिप्टी इंजीनियर शिवम द्विवेदी भी पहुंचे। किसानों ने उनको बीच धरने पर बैठा लिया। करीब 10 तक हंगामा होता रहा।

धरने पर जिला पंचायत सदस्य संजय राठी एवं रालोद नेता विकास बालियान, संजीव राठी, जयकुमार बालियान, अशोक राठी, प्रदीप चैधरी, राजीव फौजी, हरेंद्र शर्मा, राजीव तोमर, धीरेंद्र राठी के बीच रेलवे अधिकारियों के बीच समझौता वार्ता हुई। समझौता वार्ता के करीब ढाई घंटे से जारी किसानों का धरना रात करीब दस बजे फाटक खुलने के बाद समाप्त हो गया। रेलवे के डिप्टी चीफ इंजीनियर शिवम द्विवेदी का कहना है कि फाटक पर ओवरब्रिज वे अंडरपास बन गया है। दोनों रास्तों से किसान गन्ना लेकर शुगर मिल में जा रहे हैं।

उधर, करीब तीन घंटे तक रेलवे ट्रैक बाधित रहने से कई ट्रेन प्रभावित हुईं। देहरादून से दिल्ली जा रही शताब्दी एक्सप्रेस मुजफ्फरनगर में सवा घंटा, दिल्ली से हरिद्वार जा रही डीएम पैसेंजर मंसूरपुर में करीब डेढ़ घंटा खड़ी रही। इनके अलवा बामनहेडी, नरा जड़ौदा, रोहाना में भी ट्रेन खड़ी रही।

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