प्रत्याशी घोषित होने पर भी लाभ के पद पर विराजमान हैं किशन कपूर

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शिमला। कांगड़ा संसदीय क्षेत्र से भाजपा प्रत्याशी घोषित होने के बावजूद खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले मंत्री किशन कपूर लाभ के पद पर बने हुए हैं। मंत्री होने के साथ-साथ ही वह प्रदेश नागरिक आपूर्ति निगम के चेयरमैन भी हैं। नामांकन भरने से पहले उन्हें चेयरमैन के पद से इस्तीफा देना पड़ सकता है। कानूनन चुनाव लड़ने से पहले प्रत्याशियों को लाभ के तमाम पद छोड़ने होते हैं।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा सदस्य (रिमूवल ऑफ डिसक्वालिफकेशन) अधिनियम 1971 की धारा 3 की उपधारा एल के अनुसार किशन कपूर वर्तमान में लाभ के पद पर आंके जा रहे हैं। इस धारा के अनुसार ऐसे किसी पद पर बैठा व्यक्ति अगर प्रतिपूरक भत्ते के अलावा अन्य किसी पारिश्रमिक के लिए अधिकृत नहीं हो तो वह ऑफिस ऑफ प्रॉफि ट के दायरे में आता है।
चुनाव लड़ने से पहले प्रत्याशियों को लाभ के तमाम पदों को छोड़ देना होता है, वरना यह आदर्श चुनाव आचार संहिता की भी उल्लंघना है। किशन कपूर के लाभ के पद पर होने का मामला चुनाव आयोग के भी नोटिस में बताया जा रहा है।

अब आयोग की कपूर के नामांकन वाले दिन पर नजर है कि वह पद छोड़ते हैं या नहीं। कपूर धर्मशाला में शुक्रवार (26 अप्रैल) को नामांकन भरने जा रहे हैं। इसी बीच वह कभी भी यह पद छोड़ सकते हैं।
कोट

अभी मैंने नामांकन नहीं भरा है। नामांकन भरने के दौरान ही मैं बताऊंगा कि मुझे क्या करना है। यानी उसी दिन स्पष्ट करूंगा कि इस पद को मुझे छोड़ना है या नहीं। – किशन कपूर, कांगड़ा से भाजपा प्रत्याशी एवं मंत्री

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