चैथे चरण में कई सीटों पर कड़ी टक्कर, दिग्गजों की प्रतिष्ठा दाव पर

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दिल्ली। अप्रैल को लोकसभा चुनाव के चैथे दौर का मतदान होना है। इस चरण में कन्हैया कुमार, डिंपल यादव, गिरिराज सिंह, उर्मिला मातोंडकर, उपेंद्र कुशवाहा, वैभव गहलोत समेत कई दिग्गज उम्मीदवार मैदान में हैं। पूरे देश की निगाहें इस बात पर हैं कि कहां कि बाजी किसके हाथ लगती है। आपको बता रहे हैं किस-किस दिग्गज नेता की साख इस चरण में दांव पर है।

बेगूसराय (बिहार)
40 लोकसभा सीटों वाले बिहार में इस बार सबसे कड़ी टक्कर बेगूसराय लोकसभा सीट पर है। यहां जेएनयू के छात्र नेता और तमाम विवादों में घिरे कन्हैया कुमार सीपीआई के टिकट पर मैदान में हैं। वहीं भाजपा ने ठोस हिंदूवादी छवि वाले वरिष्ठ नेता गिरिराज सिंह को मैदान में उतारा है। इस मुकाबले में विचारधारा के साथ ही जातीय समीकरण का भी भरपूर असर देखने को मिलेगा। यहां भूमिहार वोटरों की संख्या अधिक है और दोनों ही प्रत्याशी भूमिहार समाज से ही हैं। कन्हैया और गिरिराज की लड़ाई में इन वोटों के बंटवारे का असर दिख सकता है।


कन्नौज (उत्तर प्रदेश)
कन्नौज की लड़ाई इस बार अपने उम्मीदवारों के कारण जनता के बीच चर्चा का विषय बनी हुई है। महागठबंधन के टिकट पर सपा की उम्मीदवार डिंपल यादव और भाजपा के सुब्रत पाठक एक बार फिर आमने-सामने हैं। पिछले चुनाव में हुए भिड़ंत और आरोप-प्रत्यारोप के कारण कन्नौज को लेकर लोगों का उत्साह और भी बढ़ा हुआ है। 2014 में डिंपल यादव ने सुब्रत पाठक को लगभग 20 हजार वोटों से हराया था। हालांकि इस बार लड़ाई इतनी आसान तो नहीं है लेकिन डिंपल के खाते में सपा और बसपा दोनों के वोट इकट्ठे आने वाले हैं, इसलिए महागठबंधन फायदे में रह सकता है।

न्नाव (उत्तर प्रदेश)
लखनऊ और कानपुर से सटी हुई उन्नाव लोकसभा सीट कभी कांग्रेस का गढ़ मानी जाती थी। पिछले लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के कारण यहां भाजपा के साक्षी महाराज ने जीत हासिल की थी। इस बार भाजपा ने दोबारा साक्षी महाराज पर भरोसा जताया है। वहीं कांग्रेस ने अन्नु टंडन और महागठबंधन ने अरुण शंकर शुक्ला को टिकट दिया है। यहां भाजपा और महागठबंधन के सपा प्रत्याशी के बीच दूसरी बार मुकाबला हो रहा है। माना जा रहा है कि भले ही कांग्रेस ने यहां अन्नु टंडन को मौका दिया है लेकिन सीधा मुकाबला साक्षी महाराज और अरुण शंकर शुक्ला के बीच ही है।

मुंबई नॉर्थ (महाराष्ट्र)
महाराष्ट्र की मुंबई नॉर्थ लोकसभा सीट शुरू से ही भाजपा और कांग्रेस के उठापटक का मैदान रही है। पहले फिल्म अभिनेता गोविंदा ने यहां भाजपा के राम नाइक को हराया, फिर संजय निरुपम ने यहां कांग्रेस का झंडा बुलंद किया, लेकिन 2014 में भाजपा के गोपाल शेट्टी ने बाजी पलट दी। वर्तमान में गोपाल शेट्टी यहां से सांसद हैं और पार्टी ने दोबारा उन्हें मैदान में खड़ा किया है। इधर, यूपीए ने एक बार फिर सेलिब्रिटी चेहरे का फायदा उठाते हुए हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुईं अभिनेत्री उर्मिला मतोंडकर को टिकट दिया है।

बोलपुर (पश्चिम बंगाल)
पश्चिम बंगाल की बोलपुर लोकसभा सीट राजनीतिक परिदृश्य में महत्वपूर्ण क्षेत्र है। यहां भाजपा ने रामप्रसाद दास, कांग्रेस ने अभिजीत साह और टीएमसी ने आसित कुमार को टिकट दिया है। वर्तमान में तृणमूल के अनुपम हाजरा यहां से सांसद हैं। यहां पहले कांग्रेस और फिर माकपा का कब्जा रहा, लेकिन 2014 में टीएमसी ने तख्ता पलट कर दिया। इस बार यह देखना दिलचस्प होगा कि तृणमूल कांग्रेस अपना झंडा बुलंद रख पाती है या भाजपा को अपनी रणनीति का फायदा मिलता है।

उजियारपुर (बिहार)
एनडीए से भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष व सांसद नित्यानंद राय और यूपीए से रालोसपा सुप्रीमो उपेंद्र कुशवाहा चुनावी मैदान में हैं। 2014 में नित्यानंद राय ने राजद के प्रत्याशी आलोक कुमार मेहता को लगभग डेढ़ लाख मतों से हराया था। हालांकि यहां के वोटरों में जातीय समीकरण का खासा असर देखने को मिलता है लेकिन इस बार हालात कुछ बदल सकते हैं। अब एनडीए के साथ जदयू है और सीएम नीतीश कुमार विकास का नारा भी लगाते आए हैं, लेकिन विकास के मामले में इलाका अभी भी काफी पीछे है। ऐसे में यहां भाजपा की वापसी इस बात पर निर्भर करेगी कि नित्यानंद राय और भाजपा के कामों से जनता कितनी संतुष्ट है।


मुंबई नॉर्थ-वेस्ट (महाराष्ट्र)
यहां शिवसेना के गजानन कीर्तिकार और यूपीए के संजय निरुपम के बीच वीआईपी टक्कर है। माना जाता है कि इस सीट पर फिल्मी सितारों का दबदबा रहता है। यहां लंबे समय तक फिल्म जगत से राजनीति में आए उम्मीदवारों का दबदबा रहा, लेकिन 2014 में गजानन कीर्तिकार ने शिवसेना का झंडा बुलंद किया। इधर संजय निरुपम मुंबई कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष रह चुके हैं। माना जा रहा है कि हाई प्रोफाइल उम्मीदवारों की इस सीट पर मुकाबला जोरदार हो सकता है।

केंद्रपाड़ा (ओडिशा)
ओडिशा में सरकार बनाने और लोकसभा सीट बढ़ाने के लिए भारतीय जनता पार्टी ने बीजद छोड़कर भाजपा में आए बैजयंत जय पांडा को उम्मीदवार बनाया है। दूसरी तरफ बीजद बीते 21 साल से पार्टी का गढ़ रहे इस संसदीय क्षेत्र को बचाने के लिए फिल्म स्टार और राज्यसभा सदस्य अनुभव मोहंती का सहारा ले रही है। केंद्रपाड़ा में इस बार सीधी लड़ाई बीजद और भाजपा के बीच है। हालांकि भाजपा में होने और मतदाताओं पर मजबूत पकड़ के कारण पांडा फायदे में रह सकते हैं।

झालावाड़-बारां (राजस्थान)
झालावाड़-बारां लोकसभा सीट पर भाजपा ने राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के बेटे और वर्तमान सांसद दुष्यंत सिंह को मैदान में उतारा है। उनके सामने हैं कांग्रेस उम्मीदवार प्रमोद शर्मा। इससे पहले भी दुष्यंत सिंह को चुनावों में वसुंधरा राजे के कारण फायदा मिलता रहा है। झालावाड़-बारां लोकसभा क्षेत्र राजस्थान की हाईप्रोफाइल क्षेत्रों में से एक है। यह वसुंधरा राजे का राजनीतिक कार्यक्षेत्र भी है। दुष्यंत इसलिए भी फायदे में नजर आ रहे हैं क्योंकि उनके प्रतिद्वंदी प्रमोद शर्मा कांग्रेस में आने से पहले भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ता थे।

जोधपुर (राजस्थान)
जोधपुर लोकसभा सीट पर मुकाबला बेहद दिलचस्प होने वाला है। यहां से भाजपा ने गजेंद्र सिंह शेखावत को मैदान में उतारा है, तो वहीं कांग्रेस ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव गहलोत को टिकट दिया है। वैभव पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं, लेकिन जोधपुर अशोक गहलोत की कर्मभूमि होने के कारण इसका पूरा फायदा कांग्रेस को मिल सकता है। इस चुनाव में केंद्रीय मंत्री के खिलाफ गहलोत के बेटे का मुकाबला अब प्रतिष्ठा की लड़ाई बन गया है।

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