मुंबई यार्ड पर आग लगने से आईएनएस सिंधुकेसरी को नुकसान

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दिल्ली। मुंबई पोर्ट में अचानक लगी आग से एक किलो क्लास पनडुब्बी को नुकसान पहुंचा है। नौसेना अब नियंत्रण कक्ष में इसकी जांच कर रही है, ताकि इसे काम पर वापस लाया जा सके। इस आईएनएस सिंधुकेसरी में 1197 करोड़ रुपये का खर्च आया और उसे रूस में अपग्रेड कर फरवरी में वापस लाया गया है।

इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार सूत्रों का कहना है कि आग वेल्डिंग के दौरान मार्च के पहले हफ्ते में लगी थी। इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है। बताया जा रहा है कि आग से नियंत्रण कक्ष में जटिल पुर्जे प्रभावित हुए हैं। पनडुब्बी को दोबारा काम पर लगाए जाने से पहले इन पुर्जों की एक-एक करके जांच की जाएगी और इन्हें साफ किया जाएगा।

अधिकारियों का कहना है कि पनडुब्बी पर काम किया जा रहा है। अपग्रेड होने के बाद दोबारा काम में लाए जाने से पहले अभी इस काम में एक और महीने का समय लगेगा। घटना के बाद से ही रूसी और भारतीय टीम काम कर रही हैं। ये टीमें हर एक पुर्जे की अच्छे से जांच कर रही हैं, ताकि आने वाले समय में भी इसका कोई बुरा प्रभाव ना पड़े।

1980 के दशक में मिली इस पनडुब्बी का नाम भारतीय नौसेना ने सिंधुकुश रखा था। इससे पहले साल 2013 के अगस्त महीने में भारतीय पनडुब्बी सिंधुरक्षक के एक टोरपीडो में ऑक्सीजन लीक होने से विस्फोट हुआ था। जिसमें नौसेना के 18 लोग मारे गए थे। वहीं साल 2014 में आईएनएस सिंधुरत्ना में आग लगने से दो लोगों की मौत हो गई थी।

नौसेना के पास फिलहाल नौ सिंधुकुश क्लास पनडुब्बी हैं। भारत ने अक्तूबर 2015 में रूस के साथ समझौता किया था। जिसमें चार नावों की सर्विस टाइम को 10 साल बढ़ाना शामिल था। इनकी मरम्मत करने से ना केवल इनकी आयु बढ़ती है बल्कि युद्ध क्षमता में भी वृद्धि होती है।

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