पी. चिदंबरम बोले, अगर मैं एनडीए सरकार में वित्त मंत्री होता तो इस्तीफा दे देता

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दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था किस दिशा में जा रही है। मौजूदा वित्तमंत्री की कार्यशैली कैसी है। लोकसभा चुनाव तक यानी साठ दिनों में सरकार अब ऐसा क्या कर देगी कि जिससे अर्थव्यवस्था पटरी पर जाए। कांग्रेस नेता पी. चिदंबरम की प्रेसवार्ता में ये सवाल-जवाब चल रहे थे। चिदंबरम से जेटली को लेकर सवाल पूछा गया तो उन्होंने ऐसा जवाब दिया कि मीडिया की हंसी छूट गई। उनका जवाब था कि एनडीए सरकार में यदि मैं वित्तमंत्री होता तो इस्तीफा दे देता। मोदी सरकार के साढ़े चार साल के कार्यकाल में नोटबंदी और जीएसटी, देश के लोगों पर थोपे गए ये दोनों फैसले किसी आपदा से कम नहीं थे। 

एआईसीसी दफ़्तर में हुई एक प्रेसवार्ता में चिदंबरम ने कहा, दुनिया जानती है कि आजादी के बाद से लेकर अब तक की सर्वश्रेष्ठ विकास दर यूपीए सरकार के कार्यकाल में रही है। मोदी सरकार में तो अर्थव्यवस्था पंगु हो गई है। सरकार झूठ बोलने पर लगी है। अर्थव्यवस्था को जब साढ़े चार साल में पटरी पर नहीं ला सके तो अब सरकार के बाकी बचे 60 दिन में क्या हो जाएगा।  

कांग्रेस पार्टी अपने घोषणा पत्र में देश की अर्थव्यवस्था से लेकर दूसरे सभी क्षेत्रों में कैसे विकास होगा, कोई योजना कब तक पूरी हो जाएगी, ये सब बातें शामिल कर रही है। राफेल के मुद्दे पर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के गठन पर चिदंबरम बोले, जेपीसी का गठन करने को लेकर सरकार कभी गंभीर नहीं रही। पिछले सत्र में जेपीसी का गठन हो सकता था। यह भी संभव था कि राफेल मामले की जांच के लिए गठित जेपीसी मार्च तक अपनी रिपोर्ट दे देती। राफ़ेल को लेकर सरकार को डर लगा रहता है। 

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