कर्नाटक में सियासी संकट के बीच आज से विधानसभा सत्र, सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई

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खास बातें

-कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता के बावजूद आज से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र।

-14 बागी विधायक बंगलूरू से वापस मुंबई लौटे, सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई।

-स्पीकर और मुख्यमंत्री कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट चाहते हैं, भाजपा बचना चाह रही है।

-कांग्रेस और जेडीएस के 16 विधायकों के इस्तीफों से खतरे में गठबंधन सरकार।

कुमारस्वामी बोले, मैं क्यों दूं इस्तीफा
बंगलूरू। कर्नाटक में सरकार पर खतरे के बादल मंडराने के बावजूद मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी इस्तीफा देने को तैयार नहीं है। कुमारस्वामी ने उनके इस्तीफे की तमाम अटकलों को खारिज करते हुए कहा, ‘ मैं इस्तीफा क्यों दूं? मुझे इस्तीफा देने की क्या जरूरत है?’ उन्होंने 2009-10 के उस वाकये की याद दिलाई, जब कुछ मंत्रियों सहित 18 विधायकों ने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का विरोध किया था, लेकिन उन्होंने इस्तीफा नहीं दिया था।

स्पीकर से मिलकर वापस मुंबई पहुंचे विधायक
कर्नाटक के बागी विधायक मुंबई के रेनेसंस मुंबई कन्वेंशन सेंटर होटल वापस आ गए हैं। उन्होंने कल आधी रात को कर्नाटक के विधानसभा अध्यक्ष केआर रमेश कुमार से मुलाकात की। उन्हें उच्चतम न्यायालय ने शाम के छह बजे स्पीकर से मिलकर अपना इस्तीफा सौंपने का निर्देश दिया था।

तीन विधायकों को दिया मिलने का समय
कर्नाटक के स्पीकर केआर रमेश कुमार ने पांच में से तीन विधायकों को आज शाम चार बजे मिलने का समय दिया है। इन विधायकों के इस्तीफे निर्धारित प्रारूप में थे।

आज से शुरू होगा विधानसभा का मानसून सत्र
कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता और कांग्रेस-जेडीएस सरकार की बेहद खराब स्थिति के बावजूद राज्य विधानसभा का मानसून सत्र आज से शुरू हो रहा है। गौरतलब है कि गठबंधन सरकार के 16 विधायकों ने इस्तीफा दे दिया है।

जेडीएस के मंत्री-भाजपा नेताओं के बीच मुलाकात
मुख्यमंत्री एच. डी. कुमारस्वामी के बेहद करीबी मंत्री ने गुरुवार को एक गेस्ट हाउस में भाजपा के वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात की। हालांकि, दोनों ही पक्षों का कहना है कि इस मुलाकात में कुछ खास नहीं है, लेकिन इसने अटकलों का बाजार जरूर गर्म कर दिया है। यहां तक कि मुख्यमंत्री कुमारस्वामी ने भी इसे ‘शिष्टाचार भेंट’ करार दिया है।

फ्लोर टेस्ट चाहते हैं मुख्यमंत्री कुमारस्वामी
कुल मिलाकर तस्वीर ये है कि राजनीतिक संकट के बीच मुख्यमंत्री कुमारस्वामी फ्लोर टेस्ट चाहते हैं। स्पीकर रमेश भी इसके पक्ष में हैं। फ्लोर टेस्ट से ही विधानसभा सभा का रुख तय होना संविधान सम्मत है। रणनीतिकारों को लग रहा है कि तब तक सब ठीक हो जाएगा। भाजपा और येदियुरप्पा फ्लोर टेस्ट से बचना चाह रहे हैं।

कर्नाटक में राजनीतिक अस्थिरता जारी है। शुक्रवार से विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होने वाला है। भाजपा ने विधायकों के इस्तीफों पर कहा कि एचडी कुमारस्वामी की सरकार अपना बहुमत खो चुकी है। अब गेंद स्पीकर के पाले में है और उन्हें विधायकों के इस्तीफे पर फैसला करना है। गुरुवार को बागी विधायकों की याचिका पर उच्चतम न्यायालय ने सुनवाई की। जिसमें अदालत ने सभी विधायकों को शाम के छह बजे स्पीकर से मिलकर उन्हें अपना इस्तीफा सौंपने के लिए कहा था। वहीं स्पीकर ने इस्तीफों पर फैसला लेने के लिए अदालत से समय मांगा था जिसपर आज सुनवाई होनी है।

अदालत से कहेंगे आदेश हो लागू
वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी जो बागी विधायकों का प्रतिनिधित्व कर रहे हैं उन्होंने कहा, ‘हम अदालत से अपने आदेश को लागू करने के लिए कहेंगे ताकि स्पीकर जल्द से जल्द निर्णय लें। जब सभी विधायक उनके सामने पेश हुए, हलफनामा दिया और उच्चतम न्यायालय पहुंचे हैं कि वह इस्तीफा देना चाहते हैं तो उन्हें आगे किस सत्यापन की आवश्यकता है मुझे समझ में नहीं आता है।’

युवा कांग्रेस नेता मामले में हस्तक्षेप की मांग को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंचा
कर्नाटक युवा कांग्रेस के एक नेता ने सुप्रीम कोर्ट से शुक्रवार को अनुरोध किया कि कांग्रेस और जेडीएस के 10 असंतुष्ट विधायकों द्वारा विधानसभा अध्यक्ष को उनके इस्तीफे मंजूर करने का निर्देश देने के लिए दायर किए गए मामले में उसे हस्तक्षेप करने की अनुमति दी जाए। सीजेआई रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली पीठ को युवा कांग्रेस नेता अनिल चाको जोसेफ के वकील ने बताया कि असंतुष्ट विधायकों का इस्तीफा महज दल-बदल का हिस्सा है और उन्होंने इस मामले में हस्तक्षेप करने वाले के तौर पर सुनवाई का आग्रह किया।

चाको ने अपनी याचिका में कहा कि इस्तीफे का असर किसी पार्टी को छोड़कर दूसरी पार्टी में शामिल होने जैसा होगा और विधायकों को ‘बड़ी रकम देकर खरीदा गया या इस्तीफा देने के लिए मनाया गया।’

कर्नाटक में आज से विधानसभा सत्र की शुरुआत हो रही है। इसपर भाजपा अध्यक्ष बीएस येदियुरप्पा ने कहा, ‘हम आज से इस महीने के अंत तक सत्र में भाग लेने के लिए एक व्हिप जारी करेंगे।’ वहीं सत्र की शुरुआत होते ही कर्नाटक मंत्री और कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार विधान सौधा पहुंच गए हैं।

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