दिमागी बुखार; सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र, बिहार और यूपी सरकार को भेजा नोटिस

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दिल्ली। बिहार में दिमागी बुखार यानि एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) से निपटने की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने बिहार, यूपी और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। कोर्ट में ये याचिका वकील शिवकुमार त्रिपाठी ने दाखिल की है। याचिका में कहा गया कि पिछले 50 साल में करीब 50 हजार बच्चों की मौत चमकी बुखार से हुई है लेकिन अब तक इससे निपटने के स्थायी उपाय नहीं किए गए हैं।

याचिका में कहा गया है कि रिकॉर्ड बताते हैं कि मॉनसून के साथ ही ये बीमारी बेतहाशा फैलती है, लिहाजा कोर्ट सरकारों को पुख्ता इंतजाम करने का निर्देश दे। पिछले हफ्ते बिहार सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया था और माना कि प्रदेश में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं नहीं हैं।

बिहार सरकार ने यह भी कहा कि राज्य स्वास्थ्य विभाग में सभी स्तरों पर कम से कम 50 फीसदी पद खाली हैं। सुप्रीम कोर्ट में बिहार सरकार ने कहा कि मुजफ्फरपुर मामले पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार नजर बनाए हुए हैं। सरकार इस बीमारी पर काबू करने का हर संभव प्रयास कर रही है। इस बीमारी को बिहार में दिमागी बुखार और चमकी बुखार भी कहा जा रहा है।

बता दें कि बिहार में दिमागी बुखार का कहर अभी तक जारी है। इस बीमारी से गया में छह और बच्चों की मौत हो गई थी। दो जुलाई को गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में 22 बच्चों को भर्ती कराया गया था। जिनमें से छह बच्चों की मौत हो गई।

चिकित्सा अधीक्षक डॉ. वी के प्रसाद ने कहा था, यह बताया जा रहा है कि यह एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस)) का मामला हो सकता है लेकिन अभी इसकी पुष्टि नहीं की जा सकी है, रिपोर्ट की प्रतीक्षा है। रिपोर्ट आने के बाद इसका पता चलेगा।

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