मोदी सरकार कामों में चाहती है तेजी, ऐसा है पहले 150 दिन का रिपोर्ट कार्ड

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दिल्ली। मोदी सरकार ने महत्वपूर्ण मुद्दों पर तेजी से निर्णय लेने का फैसला लिया है। जिसमें राष्ट्रीय सुरक्षा, जम्मू-कश्मीर बैंक की सफाई, नई कल्याणकारी योजनाओं को पहुंचाने के लिए घरेलू एजेंडा और अहम विदेश नीति शामिल है। एक अधिकारी ने कहा कि जम्मू-कश्मीर बैंक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी जरूरी है क्योंकि यह आतंकी फंडिंग से जुड़ा था और घाटी के अलगाववादी इसका दुरुपयोग कर रहे थे।

केंद्रीय सशस्त्र बलों के वित्तीय लाभ में सुधार के लिए एक निर्णय लिया गया है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार आर्थिक भगोड़े लोग जैसे कि संदेसरा समूह के प्रवर्तक और हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ कार्रवाई की गई जिसकी वजह से उनपर भारत वापस लौटने और ट्रायल का सामना करने का दबाव है।

दिवाला और दिवालियापन संहिता (आईबीसी) में संशोधन का उद्देश्य उन कंपनियों का समय पर और कुशल निपटान सुनिश्चित करना था जो कर्ज चुकाने में असमर्थ थे और जिन्होंने निवेशकों को बीच में छोड़ दिया था। श्रम सुधारों के एक महत्वपूर्ण कदम की घोषणा की गई है जिससे 49 करोड़ कर्मचारियों को फायदा पहुंचेगा। यह लाल फीताशाही को कर करके व्यवसाय को सुचारू रूप से चलाने में मदद करेगा। व्यवसाय पंजीकरण की प्रक्रिया काफी आसान हो गई है।

गरीब और ईमानदार लोग अक्सर धोखाधड़ी का शिकार होते हैं उनकी रक्षा के लिए अनियमित वित्तीय योजनाओं पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। सरकार ने मध्यम वर्ग को और अधिक प्रोत्साहन देते हुए घर खरीदने वालों को कर में छूट दी है। लगभग तीन करोड़ रिटेल ट्रेडर्स और छोटे दुकानदारों को पेंशन दी जाएगी।

सरकार निवेश पर ज्यादा ध्यान दे रही है। इससे न केवल आर्थिक प्रगति होगी बल्कि बहुत ज्यादा संख्या में नौकरियां भी पैदा होंगी। इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए बड़ी योजना है जो एक आधुनिक राष्ट्र और बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए अपेक्षित है। प्रधानमंत्री मोदी ने अगले पांच सालों में देश की अर्थव्यवस्था को पांच ट्रिलियन डॉलर वाली अर्थव्यवस्था बनाने का लक्ष्य रखा है। माना जा रहा है कि अगले पांच सालों में इंफ्रास्ट्रक्चर में 100 करोड़ रुपये निवेश होंगे।

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