अयोध्याः निर्मोही अखाड़ा ने कहा-सैकड़ों साल तक राम जन्मस्थान पर हमारा नियंत्रण था

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दिल्ली। उच्चतम न्यायालय में मंगलवार से राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवादित भूमि मामले में नियमित सुनवाई शुरू हो गई है। अदालत ने ऑडियो/वीडियो रिकॉर्डिंग और केस की लाइव स्ट्रीमिंग या प्रसारण के लिए केएन गोविंदाचार्य के अनुरोध को रद्द कर दिया क्योंकि यह वर्तमान में संभव नहीं है।

-किसी भी स्थिति में आपको उच्च न्यायालय के प्रारंभिक फैसले में विवादित भूमि का एक तिहाई हिस्सा दिया गया हैः न्यायालय ने निर्मोही आखाड़ा से कहा ।

-सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही आखाड़ा से कहा कि वह अपनी दलीलों को दीवानी विवाद मामले तक ही सीमित रखे।

-हम किसी की दलीलों को छोटा नहीं करना चाहते, अदालत की गरिमा बनाए रखेंः न्यायालय ने मुस्लिम पक्ष की ओर से पेश अधिवक्ता राजीव धवन से कहा।

-निर्मोही आखाड़ा ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया।

-पुरातन काल से उस जगह पर हमारा नियंत्रण, प्रबंधन है और राम लला की पूजा करते रहे हैंः निर्मोही आखाड़ा।

– निर्मोही आखाड़ा ने रामजन्मभूमि-बाबरी मस्जिद की 2.77 एकड़ विवादित जमीन पर मालिकाना हक का दावा किया।

– मैं इस क्षेत्र का प्रबंधन और नियंत्रण मांग रहा हूंः निर्मोही आखाड़ा ने न्यायालय से कहा ।

-1934 से ही किसी भी मुसलमान को वहां प्रवेश की अनुमति नहीं थी और उसपर सिर्फ निर्मोही आखाड़ा का नियंत्रण थाः आखाड़ा के वकील।

-बाहरी परिसर जिसमें सीता रसोई, चबूतरा, भंडार गृह हैं, वे आखाड़ा के नियंत्रण में थे और किसी मामले में उनपर कोई विवाद नहीं थाः निर्मोही आखाड़े के वकील ने कहा।

-सैकड़ों साल तक अंदर के परिसर और राम जन्मस्थान पर हमारा नियंत्रण थाः निर्मोही आखाड़ा।

-निर्मोही आखाड़ा के वकील ने अयोध्या मामले में बहस शुरू की, कहा-मुकदमा मूलतः वस्तुओं, मालिकाना हक और प्रबंधन अधिकारों के बारे में है।

-सुप्रीम कोर्ट ने अयोध्या मामले की सुनवाई की रिकॉर्डिंग करने की आरएसएस के पूर्व विचारक के एन गोविंदाचार्य की अर्जी खारिज की।

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