तीन तलाक को चुनौती देनी वाली एक और याचिका दाखिल, सुनवाई को तैयार सुप्रीम कोर्ट

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चेन्नई। मुस्लिम एडवोकेट एसोसिएशन ऑफ तमिलनाडु ने सुप्रीम कोर्ट में तीन तलाक के अपराधीकरण के लिए संसद द्वारा पारित कानून की वैधता को चुनौती दी है। न्यायमूर्ति एनवी रमना की अध्यक्षता वाली खंडपीठ ने केंद्र से जवाब मांगा है, और साथ ही इससे तरह के लंबित मामलों से जुड़े मुद्दों को भी जोड़ा है।

गौरतलब है कि सरकार ने तीन तलाक को प्रतिबंध लगा दिया था और तीन तलाक देने को अपराध के श्रेणी में रखा गया था। तीन तलाक देने पर अब सजा का प्रावधान है।

वहीं, तीन तलाक को कई मुस्लिम देशों ने बैन कर रखा है। इन देशों का जिक्र सुप्रीम कोर्ट में ट्रिपल तलाक पर बने पैनल ने भी किया था। पैनल ने ताहिर महमूद और सैफ महमूद की किताब मुस्लिम लॉ इन इंडिया का जिक्र किया। इसमें अरब के देशों में तीन तलाक को समाप्त किए जाने की बात कही है।

अल्जीरिया, मिस्र, इराक, जॉर्डन, कुवैत, लेबनान, लीबिया, मोरक्को, सूडान, सीरिया, ट्यूनीशिया, संयुक्त अरब अमीरात और यमन जैसै देशों में तीन तलाक पर प्रतिबंध है। इसके अलावा इंडोनेशिया, मलयेशिया और फिलीपींस जैसे दक्षिण-पूर्व एशियाई देश तलाक के लिए सख्त कानून रखते हैं।

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