सुरक्षा बलों के लिए घाटी में 40 विशेष कमरे स्थापित करने को मंजूरी

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जम्मू। सर्दियों के दौरान घाटी में अर्द्धसैनिक बलों के लिए 40 बने बनाए कमरे स्थापित करने की मंजूरी केंद्र सरकार ने दे दी है। इसके अलावा पहले से मौजूद निजी घरों व होटलों के बुनियादी ढांचे में भी सुधार किया जा रहा है ताकि बर्फबारी के मौसम में जवानों को यहां रहने में किसी तरह की दिक्कत न हो।

केंद्र सरकार का यह कदम इस बात का संकेत है कि अर्द्धसैनिक बलों को यहां लंबे समय के लिए रोका जा सकता है। इस आदेश के तहत कुछ ही हफ्तों में यहां काम शुरू हो जाएगा। कश्मीर घाटी में सर्दियों का मौसम सितंबर माह के अंत तक शुरू होने के संकेत हैं।

अधिकारियों के अनुसार, जो विशेष 40 कमरे स्थापित किए जाने हैं उनमें पॉलीयूरेथिन फोम (पीयूएफ) का इस्तेमाल किया जाएगा। इनमें उन जवानों को प्राथमिकता दी जाएगी जहां बर्फबारी ज्यादा होती है। पीयूएफ की परत जवानों को ठंड से बचाने में मदद करेगी।

पांच अगस्त को जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 की समाप्ति तथा जम्मू -कश्मीर और लद्दाख को केंद्र शासित प्रदेश बनाने से पहले सीआरपीएफ की कई कंपनियों को दूसरी जगहों से हटाकर यहां भेज दिया गया था।

दो लाख कॉयर गद्दे भी खरीदे जाएंगे
अधिकारियों के अनुसार, सीआरपीएफ ने पहली बार दो लाख से अधिक कॉयर गद्दों (नारियल के रेशों से निर्मित) की खरीद के लिए मंजूरी हासिल कर ली है। घाटी में तैनात अर्द्ध सैनिक बल के जवान इनका इस्तेमाल करेंगे।पहले इन जवानों को सोने के लिए दरी दी जाती थी, ठंड के दिनों में इस पर सोना काफी कठिन होता था।

निजी घर व होटलों की मरम्मत को भी मंजूरी
केंद्र ने निजी घरों और होटलों के लिए भी मंजूरी दी है, जहां घाटी में आतंकवाद रोधी अभियानों में भाग लेने के अलावा कानून और व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात जवान रुकेंगे। घाटी में 2003 में अपनी तैनाती के बाद, सीआरपीएफ ने कश्मीरी पंडितों द्वारा छोड़े गए 100 से अधिक छोटे होटलों और घरों को अपने हाथों में ले लिया है। हालांकि सरकारी संपत्ति न होने के कारण वर्षों से इनके बुनियादी ढांचे की मरम्मत कभी नहीं दी गई थी।

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