प्राचार्य डाॅ अर्जुन सिंह सिराडी पर गाज गिरना तय

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ऊधमसिंहनगर। संवाददाता। राजकीय डिग्री कॉलेज काशीपुर (ऊधमसिंह नगर) के प्राचार्य डॉ अर्जुन सिंह सिराडी पर गाज गिरना तकरीबन तय है। कॉलेज में लाखों रुपये की पुस्तक खरीद में नियमों को ताक पर बरती गई अनियमितताओं की पुष्टि शासन स्तर पर जांच में की गई है। उच्च शिक्षा अपर सचिव डॉ रंजीत कुमार सिन्हा ने अपनी जांच रिपोर्ट सौंप दी है। रिपोर्ट में प्राचार्य को तत्काल कॉलेज से हटाकर निदेशालय से संबद्ध करने के साथ ही कठोर कार्रवाई और कॉलेज का छह सालों का स्पेशल ऑडिट कराने की सिफारिश की गई है।

काशीपुर राजकीय डिग्री कॉलेज में पुस्तक खरीद में अनियमितताओं की जांच उच्च शिक्षा निदेशालय की ओर से भी कराई गई थी। निदेशालय की जांच समिति की रिपोर्ट में भी लाखों रुपये की पुस्तक खरीद में अनियमितता की पुष्टि की जा चुकी है। इसके बाद शासन की ओर से भी अपर सचिव उच्च शिक्षा डॉ रंजीत कुमार सिन्हा को जांच दी गई। अपर सचिव ने मौका मुआयना करने के बाद बुधवार को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है।

कॉशन मनी से पुस्तक खरीद

इस रिपोर्ट के मुताबिक उक्त कॉलेज में पुस्तकों की खरीद कॉशन मनी से की गई। अब तक 14 लाख का भुगतान किया जा चुका है। कॉशन मनी प्रवेश के वक्त छात्रों से लिया जाने वाला एक तरह का सिक्योरिटी धनराशि है। इसे मांगने पर छात्रों को वापस किया जाता है। रिपोर्ट में कहा गया कि इस मद से किसी भी वस्तु की खरीद नहीं की जा सकती। ऐसा कुछ करने से पहले निदेशालय की अनुमति ली जानी चाहिए थी। लेकिन, कॉलेज प्राचार्य ने निदेशालय से अनुमति नहीं ली। कॉशन मनी के अतिरिक्त लाखों रुपये की झाड़ी कटान कराई गई। सिविल वर्क के कार्य कराने और खेल संबंधी सामग्री की खरीद में भी घोर अनियमितता किए जाने का जिक्र किया गया है।

जांच में मिली हैं यह अनियमितता

जांच में पाया गया कि झाड़ी कटान और सिविल वर्क कराए जाने के बारे में संबधित समिति को ही जानकारी नहीं थी। वहीं पुस्तक खरीद समिति का गठन प्राचार्य ने सिर्फ पत्र के जरिए कर दिया, पत्र में पत्रांक संख्या तक अंकित नहीं है। लाइब्रेरी प्रभारी ने जांच अधिकारी को बताया कि करीब 1300 पुस्तकों के एमआरपी को स्थायी स्याही से छिपाया गया है। इस वजह से पुस्तकों को रजिस्टर में दर्ज करना मुमकिन नहीं हो पा रहा है। रिपोर्ट में कहा गया कि प्राचार्य डॉ सिराडी कई प्रकार की अनियमितताओं में लिप्त हैं। इससे कॉलेज में पढ़ाई का माहौल खराब हो रहा है।

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