सुक्की टॉप से आगे बर्फ हटाने में जुटे मजदूर, 28 घंटे बाद भी नहीं खुला हाईवे

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गंगोत्री हाईवे पर सुक्की टॉप से आगे आवाजाही हुई मुश्किल।

गंगोत्री हाईवे पर सुक्की टॉप से आगे 28 घंटे बाद भी आवाजाही सुचारू नहीं हो पाई है। जिस कारण उपला टकनौर के आठ गांव सहित गंगोत्री धाम और अंतरराष्ट्रीय सीमा का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है।

बर्फबारी के कारण बीते मंगलवार सुबह गंगोत्री हाईवे सुक्की से गंगोत्री तक बंद हो गया था। देर शाम बीआरओ ने सुक्की से झाला तक हाईवे आवाजाही के लिए खोला था, लेकिन फिर बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे दोबारा बंद हो गया है।

यहां बीआरओ के मजदूर बर्फ हटाने के काम में जुटे हुए हैं। तीन दिनों से गंगोत्री और यमुनोत्री में जमकर बर्फबारी हो रही है। मंगलवार को निचले इलाकों में बारिश हुई और शीतलहर चलती रही। गंगोत्री धाम के पुरोहित संतोष सेमवाल ने बताया कि सोमवार देर रात हुई बर्फबारी के बाद मंगलवार सुबह गंगोत्री धाम में करीब 1 से डेढ़ फीट बर्फ जम गई है।

उत्तराखंड के उत्तरकाशी में हुई बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे सुक्की से लेकर गंगोत्री तक है। इस कारण उपला टकनौर के आठ गांव सहित गंगोत्री धाम और अंतरराष्ट्रीय सीमा का संपर्क जिला मुख्यालय से कटा हुआ है। वहीं हर्षिल घाटी में बर्फ के बीच ही बच्चे स्कूल पहुंचे।

हर्षिल घाटी में बर्फबारी के कारण गंगोत्री हाईवे सुक्की से गंगोत्री तक मंगलवार सुबह छह बजे बंद हो गया था। ऐसे में यहां आने वाले वाहनों को लौटना पड़ा। हाईवे खोलने के लिए बॉर्डर रोड ऑर्गनाइजेशन की मशीनरी और मजदूर जुटे रहे। अभी तक तक हाईवे नहीं खुल पाया।

हर्षिल में करीब आधा फीट बर्फ जम चुकी है। घाटी में बर्फ के बीच राजकीय प्राथमिक विद्यालय सुक्की के छात्र-छात्राएं विद्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने कड़कड़ाती ठंड के बीच सुबह की प्रार्थना और पठन-पाठन किया। प्रदेश में आज बुधवार को भी कई जगह मौसम बिगड़ा रहेगा। मौसम विभाग ने देहरादून समेत टिहरी, पौड़ी, चम्पावत, नैनीताल, ऊधमसिंहनगर और हरिद्वार जिले में मौसम खराब होने का येलो अलर्ट जारी किया गया है।

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