रेखा का एक कदम महिलाओं के लिए बना प्रेरणा, पढ़ें कुमाऊं की पहली महिला टैक्सी संचालक की ये कहानी

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महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पुरुषों से पीछे नहीं हैं, यह कर दिखाया यहां रानीखेत सुदामापुरी निवासी महिला रेखा पांडेय ने। महिला सशिक्तकरण के नारे को साकार करने के जुनून ने ही उन्हें कुमाऊं की पहली महिला टैक्सी चालक होने का गौरव दिलाया है। वह सुबह तड़के उठकर तमाम घरेलू कार्य निपटाने के बाद यहां केमू स्थित टैक्सी स्टेंड पहुंचती हैं। इसके बाद वह हल्द्वानी के लिए सवारी भरती हैं।

रेखा ने टैक्सी का संचालन एक माह पहले ही शुरू किया है। रेखा के इस कदम ने महिलाओं को प्रेरणा देने का काम किया है। 35 वर्षीय रेखा पांडेय पहले से ही सामाजिक कार्यों से जुड़ी हैं और महिलाओं को उनके अधिकारों से भी वह जागरूक करती रहती हैं। उनका कहना है कि महिलाओं के लिए कोई भी कार्य कठिन नहीं है बस कुछ करने की दृढ़ इच्छा होनी चाहिए। यही थीम उन्हें तमाम कार्य करने के लिए प्रोत्साहित भी करती है।

उन्होंने बताया कि उनके पति मुकेश चंद्र पांडेय सेना से सेवानिवृत्त हैं, उन्होंने सात साल पहले वाहन चलाना सीखा था। कुछ अलग करने का मन ख्याल में आया तो उन्होंने एक महीने पहले टैक्सी चलाने का निर्णय लिया। वह रानीखेत से हल्द्वानी के लिए नियमित रूप से टैक्सी का संचालन कर रही हैं। इसके अलावा वह बुकिंग आदि भी करती हैं। रेखा ने बताया कि सरकार भी महिला सशक्तिकरण को लेकर तमाम योजनाएं चला रही हैं।

स्वयं चालक बनने का लिया निर्णय
यदि अन्य महिलाओं को भी उनके कार्य से प्रेरणा मिलती है तो उन्हें भी आत्मनिर्भर बनने का मौका मिलेगा। कहा कि वह आजीविका चलाने के लिए टैक्सी को चालक के हवाले भी कर सकती थी, लेकिन उन्होंने स्वयं चालक बनने का निर्णय लिया। उन्हें रानीखेत टैक्सी यूनियन और हल्द्वानी टैक्सी यूनियन से पूरा सहयोग मिलता है। कहा कि पिछले एक महीने में कोई परेशानी नहीं हुई। वह रोज शाम को सात से आठ बजे के बीच घर पहुंच जाती हैं।

-देहरादून आदि बड़े शहरों में महिलाएं टैक्सियां चलाती हैं, लेकिन कुमाऊं में रेखा पांडेय पहली महिला टैक्सी चालक हैं। वह रोज हल्द्वानी चलती हैं, वहां टैक्सी यूनियन और कुमाऊं टैक्सी यूनियन महासंघ भी पूरा सहयोग कर रहा है। रेखा के इस कदम से महिलाएं आत्मनिर्भर बनने के लिए जरूर प्रोत्साहित होंगी। -शंकर ठाकुर, अध्यक्ष महासंघ कुमाऊं टैक्सी यूनियन।

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