सरकार तय करेगी प्राइवेट अस्पतालों-क्लीनिकों की फीस

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देहरादून। सरकार प्राइवेट क्लीनिक और अस्पतालों में प्रेक्टिस कर रहे डॉक्टरों के लिए ओपीडी फीस तय करने की तैयारी कर रही है। लैब के लिए जांच की दर भी तय की जा रही है। जल्द इसके आदेश हो सकते हैं। इसका प्रस्ताव तैयार कराया जा रहा है। उत्तराखंड के प्राइवेट डॉक्टर क्लीनिकल इस्टेब्लिसमेंट ऐक्ट के विरोध में हड़ताल पर हैं। इस ऐक्ट में इलाज की दर निश्चित और स्टाफ का प्रशिक्षित होना जरूरी है। मगर, डॉक्टर इस ऐक्ट में संशोधन की मांग कर रहे हैं। अब राज्य सरकार इस ऐक्ट को लेकर एक कदम और आगे बढ़ रही है। स्वास्थ्य विभाग ने निजी अस्पतालों में ओपीडी की फीस का ढांचा बनाना शुरू कर दिया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने इसकी पुष्टि की। उन्होंने बताया कि ओपीडी फीस और लैब की जांच की दर को व्यावहारिक बनाने का प्रयास किया जा रहा है।

1000 रुपये तक है ओपीडी फीस
देहरादून में कुछ प्राइवेट डॉक्टरों की एक बार की ओपीडी फीस 1000 रुपये तक है। जबकि अधिकांश डॉक्टर पांच सौ से लेकर सात सौ रुपये तक फीस लेते हैं। राज्य में सरकारी स्वास्थ्य सेवाओं की लचर स्थिति की वजह से लोगों को प्राइवेट अस्पतालों में इलाज के लिए जाना पड़ता है। भारी ओपीडी फीस चुकाने को भी मजबूर होना पड़ता है।

ऐक्ट में बदलाव नहीं, डॉक्टरों को वार्ता का न्योता
देहरादून। राज्य सरकार ने कहा है कि, क्लीनिकल इस्टेब्लिशमेंट ऐक्ट में बदलाव मुमकिन नहीं है। लेकिन, डॉक्टर हड़ताल का रास्ता छोड़कर वार्ता के लिए आते हैं तो सरकार हर मुमकिन प्रयास करेगी। शून्यकाल में कांग्रेस विधायक काजी निजामुद्दीन के सवाल का जवाब देते हुए संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने सरकार का रुख साफ किया। सरकार के जवाब से असंतुष्ट विपक्ष ने सदन का सांकेतिक बहिष्कार किया।

काजी निजामुद्दीन ने उठाया मुद्दा
शून्यकाल में काजी निजामुद्दीन ने कहा कि हड़ताल के चलते निजी अस्पतालों पर निर्भर राज्य की 80 प्रतिशत जनता को इलाज नहीं मिल पा रहा है। अधिकारी प्राइवेट डॉक्टरों को धमका रहे हैं। ऐक्ट में सिर्फ जुर्माने का प्रावधान है, जबकि स्वास्थ्य विभाग अस्पतालों को सील कर रहा है।
नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश और प्रीतम सिंह ने भी उनका समर्थन कर सरकार से मामले का हल निकालने की मांग की।

हड़ताल का खास असर नहींः पंत
संसदीय कार्यमंत्री प्रकाश पंत ने कहा कि आईएमए से चर्चा के बाद क्लीनिक और अस्पतालों को राहत देने के लिए सरकार वन टाइम सेटलमेंट स्कीम लाई है। डॉक्टर हड़ताल खत्म करके बातचीत को आगे आएं तो सरकार रास्ता निकाल सकती है। पंत ने दावा किया कि इस हड़ताल का विशेष असर नहीं है।

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