मैड संस्था के सदस्यों ने शहर की दिवारों की सूरत बदली

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देहरादून। संवाददाता। प्लास्टिक का उपयोग कम करने के लिए लोगों को प्रोत्साहित करते हुए देहरादून के शिक्षित छात्रों के संगठन, मेकिंग ए डिफरेंस बाय बीइंग द डिफरेंस (मैड) ने परेड ग्राउंड की जर्जर दीवारों के एक और हिस्से का कायाकल्प किया। यह हिस्सा परेड ग्राउंड की परिधि में मैड का दसवां दीवार कायाकल्प है।

सदस्यों ने पहले दीवार पर सफेद रंग किया और फिर उस पर पेंसिल से चित्रकला की। उसके बाद सदस्यों ने मिलकर उस चित्रकला में रंग भरा। मैड की एक कलाकार, श्रेया रोहिल्ला ने कहा मैड का लक्ष्य दीवारों को सिर्फ सुन्दर बनाना ही नहीं, बल्कि समाज कल्याण के लिए सन्देश देना भी है। मैड चाहता हैं कि लोग जब इन दीवारों को देखें तो कुछ नया सीखें।

मैड सदस्यों ने इस दीवार पर एक रंगीन डिजाइन चित्रित किया जिसमें उन्होंने समुद्र और नदियों में प्लास्टिक से हो रहे प्रदूषण को दर्शाया। दीवार पर प्लास्टिक की बोतलों में मछलियों को कैद दिखा कर छात्रों ने बताया की कैसे रोजमर्रा में इस्तेमाल हो रही प्लास्टिक की बोतलों की वजह से इन जीव जंतुओं का जीवन खतरे में है। मैड की सदस्य आर्ची बिष्ट ने बताया इस दीवार के माध्यम से हमने प्लास्टिक की बोतलों का उपयोग करने के परिणाम दर्शाये हैं। हम चाहते हैं कि लोग समझें कि प्लास्टिक के उपयोग से हम न सिर्फ अपने पर्यावरण को हानि पहुंचा रहे हैं, बल्कि अन्य जीवित प्राणियों के भी जीवन जो भी खतरे में डाल रहे हैं।

इस अभियान में कलाकेंद्र के भी कई कलाकारों ने हिस्सा लिया। अभियान में आदर्श त्रिपाठी, नवीन, सनत, गायत्री, प्रदीप, यश राज, शरद, और खुशबू ने मुख्य भूमिका निभाई।

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