उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड ने मृतक, रिटायर्ड कर्मचारियों से मांगी प्रमोशन पर आपत्ति

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देहरादून। उत्तराखंड पावर कारपोरेशन लिमिटेड (यूपीसीएल) में जेई से एई के 16 पदों पर प्रमोशन होने जा रहा है। इसके लिए यूपीसीएल ने सीनियरटी लिस्ट भी जारी कर दी है। लेकिन, इसमें वर्तमान कर्मचारियों के अलावा 97 रिटायर्ड और 10 से ज्यादा रिटायर्ड होकर मृत हो चुके कर्मचारियों से भी आपत्तियां मांग ली है। इससे सभी हैरान हैं।
यूपीसीएल ने हाल ही में जेई से एई के पद पर पदोन्नति के लिए जो सीनियरटी की लिस्ट जारी की है, वह विवादों में आ गई है। वर्तमान में जूनियर पावर इंजीनियर्स एसोसिएशन प्रमोशन की मांग को लेकर आंदोलन भी कर रहे हैं। लेकिन, निगम प्रबंधन पदोन्नति से पहले हाईकोर्ट के आदेश के बाद वर्ष 2012 में जारी अंतिम वरिष्ठता सूची के आधार पर पदोन्नति प्रक्रिया शुरू करने पर अड़ा हुआ है। निगम प्रबंधन इस सूची के खिलाफ प्राप्त प्रत्यावेदनों की समीक्षा की बात कर रहा है।

निगम प्रबंधन का निर्णय किसी के गले नहीं उतर रहा
यह अलग बात है कि इस सूची के आधार पर निगम में वर्ष 2014 और वर्ष 2016 में कई जेई की एई पद पर पदोन्नति हो चुकी है। अब निगम ने इसी लिस्ट को जारी कर प्रत्यावेदन मांगे हैं।

हैरत की बात यह है कि इस लिस्ट में कई सेवानिवृत्त, पदोन्नति पा चुुके कर्मचारी के साथ ही ऐसे भी कर्मचारी भी हैं, जिनकी सेवानिवृत्ति के बाद मौत हो चुकी है। लेकिन इन्हें भी निगम की ओर से नोटिस भेजकर अपना प्रत्यावेदन भेजने को कहा गया है। मृतकों से प्रत्यावेदन मांगने के निगम प्रबंधन का निर्णय किसी के गले नहीं उतर रहा है।

देहरादून के इन कर्मचारियों की हो चुकी है मौत

– रवि कुमार विग, पूर्व असिस्टेंट इंजीनियर

– आरपी चैकियाल, पूर्व असिस्टेंट इंजीनियर

– गौधन प्रसाद, पूर्व असिस्टेंट इंजीनियर

प्रोन्नति प्रक्रिया लटकाने के लिए यूपीसीएल जानूबूझ कर ऐसा कर रहा है। रिटायर्ड और मृतक लोगों से प्रत्यावेदन मांगना पूरी तरह हास्यास्पद होने के साथ ही निगम की कार्यप्रणाली और मनमानी को दर्शाता है। एसोसिएशन पदोन्नति होने तक अपना आंदोलन जारी रखेगा।
– पवन रावत, प्रांतीय महासचिव उत्तराखंड पावर जूनियर इंजीनियर एसोसिएशन

मामले में जो भी पक्षकार हैं उन्हें नोटिस भेजे गए हैं। लेकिन उन्हें यह जानकारी नहीं है कि उनमें से कौन जिंदा है और कौन नहीं है। किसी के हित प्रभावित न हो इसलिए सबकी बात सुननी जरूरी है। यह जानने के लिए कौन अभी जिंदा है इसके लिए नोटिस संबंधित डिवीजन जहां उसने काम किया है, उसके माध्यम से भेजे जा रहे हैं।
-पीसी ध्यानी, डायरेक्टर, एचआर यूपीसीएल

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