सड़क दुर्घटना में मौत पर मिलेगा एक लाख मुआवजा, ठेकेदार, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग की उड़ी नींद

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– नए मोटर व्हीकल एक्ट में किया प्रावधान, परिवहन विभाग लागू करने में जुटा

– वर्ष-2018 में प्रदेश में 1468 सड़क दुर्घटनाओं में 1047 लोगों की हुई थी मौत

देहरादून। घटिया सड़क निर्माण या गड्ढों की वजह से किसी चालक या सवारी की मौत होती है तो नए मोटर व्हीकल एक्ट में पीड़ित को एक लाख रुपये मुआवजा देने का प्रावधान किया गया है। यह राशि सड़क बनाने वाला ठेकेदार, लोक निर्माण विभाग, राष्ट्रीय राजमार्ग से संबंधित अधिकारी या अभियंता जो भी इनमें से एक जिम्मेदार होगा वह भरेगा। केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नए मोटर व्हीकल एक्ट में इस प्रावधान को परिवहन विभाग कड़ाई से लागू कराने में जुट गया है। विभागीय अधिकारियों का मानना है यदि सड़क ठीक हो तो हादसों को काफी हद तक कम किया जा सकता है।

परिवहन विभाग के आंकड़ों पर नजर डालें तो वर्ष-2018 में उत्तराखंड में 1468 सड़क दुर्घटनाएं हुईं। इनमें 1047 लोगों की मौत हुई और 1571 लोग घायल हुए। इन दुर्घटनाओं में अधिकतर सड़कों की खराब गुणवत्ता के चलते हुई है। लेकिन, अब नए मोटर व्हीकल एक्ट में प्रावधान किया है कि सड़क हादसे में मौत पर ठेकेदार के साथ-साथ संबंधित विभागों के अधिकारी भी जिम्मेदार होंगे। इससे उम्मीद जगी है कि सड़क हादसों में कमी आएगी। एआरटीओ (प्रशासन) अरविंद पांडे का कहना है कि नए मोटर व्हीकल एक्ट में जो प्रावधान किया गया है उसे कड़ाई से लागू कराया जाएगा। इस संबंध में विभागीय स्तर पर तैयारियां की जा रही हैं।

शुल्क में बढ़ोतरी कर वाहन संचालकों की कमर तोड़ दी
वहीं सरकार इंश्योरेंस, फिटनेस, परमिट, लाइसेंस व रजिस्ट्रेशन शुल्क में बढ़ोतरी कर वाहन संचालकों की कमर तोड़कर रख दी है। कहा कि यात्री वाहनों में परिचालक के लाइसेंस की अनिवार्यता समाप्त करने के साथ ही चालक के शराब पीने पर दुर्घटना होने की स्थिति में गाड़ी को वाहन स्वामियों को सौंप दिया जाए।

वक्ताओं ने कहा कि चालक की जमानत से पहले ही गाड़ी को छोड़ने की अनुमति दी जाए। उन्होंने व्यावसायिक वाहनों की चेकिंग की अनुमति पुलिस को नहीं देने की मांग भी की। आरोप लगाया कि पुलिस की चेकिंग में वाहन संचालकों का आर्थिक व मानसिक शोषण किया जाता है। बैठक में संरक्षक दिनेश बहुगुणा, अध्यक्ष सुधीर राय, कार्यकारी अध्यक्ष मनोज ध्यानी, उपाध्यक्ष महावीर बहुगुणा, उपाध्यक्ष विजय वर्धन डंडरियाल, महासचिव सत्यदेव उनियाल, महासचिव आदेश सैनी, भगवान सिंह राणा, संजय अरोड़ा समेत कई उपस्थित थे।

नया एक्ट काला कानून है। जुर्माने की दरों में बेतहाशा वृद्धि कर दी गई है। एक्ट की आड़ में वाहन स्वामियों व चालकों का शोषण किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

-विजयवर्धन डंडरियाल, अध्यक्ष, देहरादून महानगर सिटी बस यूनियन

 

कल पहाड़ से मैदान तक रहेगा सवारी का संकट
नए मोटर व्हीकल एक्ट के विरोध में उत्तराखंड परिवहन महासंघ ने बुधवार को एक दिन की सांकेतिक हड़ताल का निर्णय लिया है। हड़ताल के चलते मैदान से लेकर पहाड़ तक सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था ठप रहेगी। इस दौरान निजी बसों, टैक्सी, मैक्सी का संचालन ठप होने से यात्रियों की मुसीबतें बढ़ना तय हैं, वहीं ट्रक, डंपर जैसे वाहनों के नहीं चलने से व्यावसायिक गतिविधियों पर भी असर पड़ेगा। दूसरी ओर, महासंघ पदाधिकारियों ने सचिव परिवहन को ज्ञापन सौंपकर समस्याओं से अवगत कराया।

हड़ताल को लेकर महासंघ पदाधिकारियों की बैठक प्रदेश अध्यक्ष सुधीर राय की अध्यक्षता में हुई। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि मोटर यान अधिनियम 2019 में जुर्माने की राशि में अत्यधिक वृद्धि कर दी गई है। ऐसे में वाहन संचालकों के सामने परेशानी खड़ी हो गई है। कहा कि एक तरफ जहां पूरे देश में ऑटो सेक्टर में मंदी छाई हुई है।

मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों में बदलाव से लोग परेशान
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रतिनिधिमंडल ने केंद्र सरकार की ओर से मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों में किए बदलाव से आमजनों को हो रही समस्याओं से डीएम को अवगत कराया। साथ ही समस्याओं के समाधान की मांग की। उसके बाद डीएम के माध्यम से सरकार को ज्ञापन भेजा।

सोमवार को कांग्रेस भवन में एकत्रित कार्यकर्ता डीएम कार्यालय पहुंचे। वहां डीएम को दिए ज्ञापन में विभाग के अध्यक्ष ताहिर अली ने कहा कि नागरिकों की सुरक्षा के लिए केंद्र ने मोटर व्हीकल एक्ट के नियमों में बदलाव कर कड़े नियम लागू किए हैं। इसका सभी स्वागत करते हैं। जब से नियमों में बदलाव किया है तब से परिवहन संचालन में लगे सुरक्षाकर्मियों का ध्यान ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने से ज्यादा चालान काटने में है।

इसके अलावा प्रदेश के सभी शहरों में प्रदूषण जांच केंद्रों की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। चालकों के लिए कड़े नियम बनाते समय सड़क पर विभागीय खामियों के कारण होने वाली दुर्घटनाओं के लिए किसी को जिम्मेदार नहीं ठहराया गया है और न ही इसके लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर जुर्माने का प्रावधान किया है। ज्ञापन देने वालों में महानगर अध्यक्ष लालचंद शर्मा, विनोद कुमार, जमशेद अली आदि शामिल रहे।

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