वकीलों की हड़ताल पर हाईकोर्ट सख्त

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नैनीताल। संवाददाता। नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा आज वकीलों की हड़ताल पर सख्त निर्णय लेते हुए कहा गया है कि अगर वकीलों द्वारा हड़ताल की जाती है तो इसे अदालत के आदेशों की अवमानना माना जायेगा।

मुख्य न्यायधीश की खण्डपीठ द्वारा वकीलों की हड़ताल से सम्बन्धित एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा आज यह फैसला सुनाया गया है। याचिका कर्ता द्वारा अपनी याचिका में कहा गया था कि वकीलों द्वारा की जाने वाली हड़ताल असंवैधानिक है। तथा इससे सिर्फ वादी को ही अनावश्यक रूप से परेशान नहीं होना पड़ता है बल्कि वादों के निस्तारण में आवश्यकता से अधिक समय लगता है। तथा धन की बर्बादी होती है। याचिका कर्ता ने इसे न्यायालयों के काम काज में बाधा डालना भी बताया था।

नैनीताल हाईकोर्ट द्वारा आज सुनाये गये गये फैसले में कहा गया है कि वकीलों की हड़ताल गलत है अगर वकील हड़ताल करेंगे तो इसे अदालत की अवेहलना का दोषी मानते हुए कार्यवाही की जायेगी। न्यायालय द्वारा दिये गये निर्देशों के अनुपालन की जिम्मेदारी संबन्धित जिले के एसएसपी की होगी। न्यायालय ने अपने फैसले में कहा है कि न्यायालय की सुरक्षा की जिम्मेदारी एसएसपी की ही होगी।

नैनीताल हाईकोर्ट के इस आदेश से बातकृबात पर आये दिन होने वाली वकीलों की हड़ताल से लोगों को राहत मिल सकेगी। याची द्वारा न्यायालय के निर्णय पर हर्ष जताते हुए कहा गया है कि उसकी आपत्तियों को न्यायालय ने सही माना है। अगर वकीलों की हड़ताल पर रोक लग जाती है तो इससे न्यायालय का काम निर्बाध रूप से चल सकेगा। वहीं वादी प्रतिवादी कई तरह की अनावश्यक समस्यायों से बच सकेंगे।

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