पौड़ी के तैडिया गांव को लंबे समय के बाद ’सौभाग्य’ से मिली रौशनी

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कोटद्वार। कार्बेट टाइगर रिजर्व के कोर जोन में स्थापित है तैडिय़ा गांव। गांव के विस्थापन को ग्रामीण लंबे समय से मांग कर रहे हैं, लेकिन सुनने वाला कोई नहीं। वन कानूनों की बाध्यता के चलते 21वीं सदी में भी आदिमयुगीन जीवन जी रहे इस गांव के बाशिंदों को सपने में भी उम्मीद न थी कि उनके घर कभी बिजली की रोशनी से जगमगाएंगे। भले ही गांव में बिजली के तार न पहुंचे हों, मगर ’सौभाग्य’ से इस गांव से अंधेरा दूर हो गया है। अब वहां रात में अंधेरा नहीं रहता, बल्कि पूरा गांव बिजली की चमक से रोशन रहता है।

दरअसल, कार्बेट टाइगर रिजर्व के कोर जोन में होने के कारण गांव तक विद्युत लाइन नहीं पहुंच पा रही थी। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार सौभाग्य योजना ग्रामीणों के लिए वरदान साबित हुई। सहज बिजली हर घर (सौभाग्य) योजना में विद्युतीकरण से वंचित उन परिवारों को विद्युत कनेक्शन दिया जाना था, जिनके नाम वर्ष 2011 की आर्थिक-सामाजिक जनगणना में शामिल थे। जिन क्षेत्रों में विद्युत तार नहीं पहुंच रही थी, वहां प्रत्येक परिवार को एक सोलर पैक देना था, जिससे पांच एलईडी बल्ब जलने के साथ ही एक पंखा भी चल सके। रिखणीखाल प्रखंड के अंतर्गत 40 परिवारों वाले तैड़िया गांव तक विद्युत लाइन नहीं पहुंच सकती थी, इस कारण ऊर्जा निगम ने गांव में सोलर पैक वितरित किए। अब तक 13 परिवारों को सोलर पैक मिल गए हैं, जबकि अन्य को भी जल्द सोलर पैक मिलेंगे।

शत-प्रतिशत हो चुका विद्युतीकरण

पौड़ी जिले में सौभाग्य योजना पर नजर डालें तो बीते करीब डेढ़ वर्षों में जिले में शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार जिले में कुल 148997 परिवारों में से 138618 परिवार अक्टूबर 2017 तक विद्युत सुविधा का लाभ उठा रहे थे, जबकि 10379 परिवार अंधेरे में जीवनयापन को विवश थे। सौभाग्य योजना के तहत विद्युतविहीन ग्राम/तोकों को विद्युतीकृत करने का कार्य शुरू किया गया। 31 जनवरी 2019 तक शत-प्रतिशत विद्युतीकरण हो गया। योजना के प्रचार-प्रसार के दौरान 357 अन्य परिवार विद्युतीकरण से वंचित पाए गए, जिनमें से 26 परिवारों को 28 फरवरी तक विद्युत कनेक्शन दे दिए गए, जबकि बाकी को कनेक्शन देने की प्रक्रिया चल रही है।

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